लखनऊ: भारतीय सेना ने गंगा नदी की रक्षा के लिए 'गंगा टास्क फोर्स' नामक पूर्व सैनिकों की एक बटालियन बनाई है. ये बटालियन नदी घाटों पर गश्त करेगी और लोगों को नदी में कचरा फेंकने से रोकेगी. इसके लिए इलाहाबाद, वाराणसी और कानपुर में बलों को तैनात किया जाएगा.





बता दें कि तीर्थराज प्रयाग में साल 2019 में होने वाले कुंभ से पहले नालों के प्रदूषित पानी को गंगा में मिलने से बचाने के लिए गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की तरफ से भी कवायद शुरू की गई है.अधिकारियों की मानें तो कुंभ मेले के दौरान नालों का प्रदूषित पानी शोधित करने के बाद ही गंगा में डाला जाएगा.


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बैक्टीरिया सोखेंगे गंगा का प्रदूषण


अधिकारियों का दावा है कि नालों का प्रदूषित पानी साफ करने के लिए उसमें ऐसे बैक्टीरिया (एंजाइम) डाले जाएंगे, जो प्रदूषण को सोख लेते हैं, जिससे पानी प्रदूषण मुक्त हो जाता है. इस प्रक्रिया को रेमेडिएशन कहा जाता हैं.


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वाराणसी में पहली बार वॉटर अलर्ट भी जारी किया गया है


इसके साथ ही पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पहली बार वॉटर अलर्ट भी जारी किया गया है. गंगा किनारे रहने वाले एक-एक बूंद पानी को तरस गए हैं. शहरवासियों को कहा जा रहा है कि पानी का इस्तेमाल कम से कम करें. गंगा किनारे होने के बाद भी काशी के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं ये किसी अजूबे सा लगता है पर यही सच है.


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काशीवासियों के लिए वॉटर अलर्ट जारी किया गया है, डर है कि कहीं जल की आपूर्ति ठप्प ना हो जाए. इसकी वजह है जीवन और जल देने वाली गंगा खुद ही प्यासी है. गंगा घाटों से ही रूठी नजर आ रही है. पानी का स्तर बेहद कम है. यही वजह है जल विभाग ने पानी को संभल कर इस्तेमाल करने की सलाह दी है.