कानपुर: एक गैंगरेप पीड़ित लड़की ने नदी में छलांग लगा दी. उसे बचाने का बहुत प्रयास किया गया लेकिन उसका कोई पता नहीं चल पाया है. पुलिस गैंगरेप के मामले की जांच कर रही थी कि अब पीड़िता ने ये कदम उठा लिया. गोताखोर उसकी तलाश में जुटे हैं.


मामला शुक्रवार का है जब पीड़िता ने पांडू नदी के पुल से छलांग लगा दी. राहगीर और स्थानीय लोग जब तक कुछ समझ पाते उसने छलांग दी. इसके बाद हडकंप मच गया. स्थानीय लोगों ने पुलिस और छात्रा के परिजनों को इसकी सूचना दी. गांव के कुछ लोगों ने नदी में कूद कर पीडिता को बचाने का प्रयास किया.

नदी का बहाव तेज होने की वजह से पीडिता का कुछ पता नहीं चल सका. पुलिस ने गोताखोरों को नदी में उतारा लेकिन शुक्रवार शाम तक छात्रा का पता नहीं चल सका था. शनिवार सुबह गोताखोरों को फिर से नदी में उतारा गया.

मूल रूप से जालौन के वाले रोडवेज कर्मी की बेटी से बीते 9 अगस्त को गांव के ही दो युवकों ने गैंगरेप किया था. शोरगुल सुनकर जब पडोसी पहुंचे तो दोनों युवक मौके से भाग निकले. छात्रा को गंभीर हालत में झांसी के जिला अस्पताल में भर्ती गया जहां वो चार दिनों तक भर्ती रही. पुलिस ने छात्रा का मेडिकल करा कर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.

छात्रा के पिता बदनामी के चलते बेटी को लेकर बीते 13 अगस्त को अपने भाई के घर पर आ गए. छात्रा परेशान थी और खुद को अंधेरे कमरे में रखती थी. उसे रौशनी से भी डर लगने लगा था. छात्रा के पिता ने बताया कि शुक्रवार सुबह बेटी कब घर से बाहर निकली पता नहीं चला.

उन्होंने कहा," जबसे बेटी के साथ गलत हुआ, बहुत परेशान रहती थी. हम सभी लोगों ने उसे बहुत समझाने का प्रयास किया. पुलिस बेटी को ढूंढने का प्रयास कर रही है लेकिन उसका कहीं कुछ पता नही चल रहा है."

उन्होंने बताया," बेटी को मैं कानपुर लेकर आ गया. अपने गांव इसलिए नहीं ले गया कि वहां पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी मिल रही थी. बेटी भी कह रही थी पापा मैं गांव नहीं जाउंगी."

बर्रा इन्स्पेक्टर रवि श्रीवास्तव के मुताबिक छात्रा आहत थी जिसकी वजह से उसने पुल से छलांग लगायी है. शुक्रवार को गोताखोरों को नदी में उतारा गया था लेकिन उसकी खोज नही की जा सकी. शनिवार सुबह फिर से गोताखोरों को उतारा जायेगा.