इलाहाबाद :यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के शहर इलाहाबाद में गैंगरेप की शिकार एक महिला को अपनी एफआईआर दर्ज कराने के लिए बीजेपी विधायक के पैरों पर गिरकर उनसे इंसाफ की गुहार लगानी पड़ी. पीड़ित महिला योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी के पास फ़रियाद लेकर पहुंची थी. मंत्री जी उस वक्त मोदी सरकार की चार साल की उपलब्धियों को मीडिया के सामने गिना रहे थे. बाहर निकलने पर भी मंत्री ने पीड़ित की बात गंभीरता से नहीं सुनी और उनके सुरक्षाकर्मियों ने उसे धक्के देते हुए दूर कर दिया तो पीड़ित महिला पास में खड़े बीजेपी विधायक के पैरों पर गिर पड़ी और उनके जूतों पर अपना सिर रखकर इंसाफ की गुहार लगाई. बहरहाल विधायक ने भी टालमटोल करते हुए कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं दिखाई और पीड़ित को घर आकर मुलाक़ात करने को कहा. बयानवीर विधायक ने इस मौके पर मीडिया की वाहवाही लूटने के लिए यह जरूर कहा कि संवेदनशील मामलों में लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई तो की ही जाएगी, साथ ही उन पर थर्ड डिग्री का भी इस्तेमाल होगा.



इंसाफ के लिए भटक रही थी महिला, दर्ज नहीं की गई शिकायत


इलाहाबाद के गंगापार के नवाबगंज इलाके की रहने वाली एक महिला का आरोप है कि तीन दिन पहले जब वह घर में अकेली थी तो गांव के दो दबंग जबरन घुस आए और उसके साथ मनमानी की. दबंगों ने पुलिस में शिकायत करने और मुंह खोलने पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी. आरोप है कि पीड़ित महिला केस दर्ज कराने के लिए नवाबगंज थाने पर गई तो उसे वहां से भगा दिया गया. वह सर्किल आफिसर समेत दूसरे अफसरों के दफ्तर भी गई, लेकिन कहीं भी उसकी शिकायत तक दर्ज नहीं की गई.



सुरक्षाकर्मियों ने आगे बढ़ने से रोक दिया
पीड़ित परिवार को शनिवार को पता चला कि इलाहाबाद के विधायक और योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी सर्किट हाउस में जनता की समस्याएं सुन रहे हैं. पीड़ित महिला अपने पति के साथ सर्किट हाउस पहुंची तो मंत्री जी उस वक्त केंद्र की मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर प्रेस कांफ्रेंस कर उपलब्धियां गिना रहे थे. हॉल में पीड़िता को इंट्री नहीं मिल सकी तो वह मंत्री जी की गाड़ी के पास उनका इंतजार करने लगी.मंत्री के सामने पीड़ित परिवार ने गुहार लगानी चाही तो वह अप्लीकेशन हाथ में पकड़कर कुछ सुनने या आश्वासन दिए बिना ही आगे बढ़ने लगे. पीड़ित परिवार ने उनसे पूरी बताकर इंसाफ की गुहार लगानी चाही लेकिन मंत्री के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हाथ से ढकेलते हुए आगे बढ़ने से रोक दिया. इस बीच मंत्री जी अपनी गाड़ी में बैठकर निकल गए.



विधायक हर्षवर्धन बाजपेई से भी लगाई गुहार
मायूस गैंगरेप पीड़िता ने वहीँ कुछ दूरी पर खड़े इलाहाबाद सिटी नार्थ सीट से बीजेपी के विधायक हर्षवर्धन बाजपेई को देखा तो वह उनके पैरों पर गिरकर गिड़गिड़ाने लगी. पीड़िता ने विधायक के जूतों पर अपना सिर रखकर उनसे इंसाफ की गुहार लगाई. विधायक ने दिलासा देते हुए पीड़िता को उठाया तो जरूर लेकिन उसकी पूरी बात सुनने या फौरी तौर पर कोई मदद करने के बजाय विजिटिंग कार्ड देकर घर आकर मिलने का फरमान सुना दिया.


विधायक ने दिया अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आश्वासन
बहरहाल मीडिया ने विधायक हर्षवर्धन बाजपेई से बात की तो उन्होंने बड़े -बड़े दावे तो किए लेकिन पीड़िता की एफआईआर दर्ज कराने में कोई मदद नहीं कर सके. बड़बड़ोले विधायक ने बयान दिया कि उनकी सरकार लापरवाही से काम करने वाले अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई तो करेगी ही, पर साथ ही उनके खिलाफ थर्ड डिग्री का भी इस्तेमाल करेगी. ये वही विधायक हैं जिन्होंने पिछले शनिवार को इलाहाबाद में सीएम योगी के कार्यक्रम में कार ले जाने से रोकने पर एडिशनल एसपी को लात और जूतों से मारने की धमकी सरेआम दी थी.योगी सरकार एक तरफ तो एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन कर महिलाओं की सुरक्षा किए जाने और उन्हें इंसाफ दिलाने का दावा करती है, लेकिन उसके राज में अफसरों से लेकर कैबिनेट मंत्री तक अगर गैंग रेप पीड़िता की फ़रियाद सुनकर उसे इंसाफ दिलाने के बजाय उसे झिटककर धक्का देते हुए भगा दें. इलाहाबाद की यह घटना योगी सरकार के ऐसे दावों पर करारा तमाचा भी है.