गौरव चंदेल हत्याकांड: लावारिस हालत में खड़ी मिली कार गौरव की कार, गाड़ी से मिले किसी अजनबी के फिंगर प्रिंट
गौरव चंदेल जिनकी हत्या 10 दिन पहले कर दी गई थी. बदमाशों ने लूटपाट करने के बाद उन्हें गोली मार दी थी. घटना के बाद इस मामले को लेकर जमकर राजनीति हुई थी. वहीं लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन भी किया था.
गाजियाबाद: गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 10 दिन पहले हुए गौरव हत्याकांड में गाजियाबाद पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. मंगलवार की रात मसूरी पुलिस ने स्थानी आकाश नगर कालोनी से गौरव चंदेल की कार लावारिस हालत में खड़ी बरामद कर ली. बरामदगी के वक्त कार 'लॉक्ड' थी. गाजियाबाद पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया, "कार पर कुछ फिंगर प्रिंट्स मिले हैं. यह फिंगर प्रिंट स्टेयरिंग, दरवाजों और सीटों पर मौजूद थे. इनमें से कुछ फिंगर प्रिंट्स गौरव चंदेल के ही हैं. जबकि कुछ फिंगर प्रिंट अलग से भी मिले हैं. गौरव के अलावा मिले फिंगर प्रिंट्स किसके है? एसटीएफ की टीम यह पता लगाने में जुटी है."
गाजियाबाद पुलिस ने मंगलवार को गौरव चंदेल की कार बरामद कर ली है तो जांच में जुटी एसटीएफ को भी इससे मदद मिलना तय है. बता दें कि छह जनवरी की रात रहस्यमय हालातों में गौरव चंदेल मय कार गायब हो गए थे. गौरव गुरुग्राम (हरियाणा) स्थित एक मल्टीनेशनल कंपनी में रीजनल मैनेजर के पद पर कार्यरत थे. घटना उस वक्त घटी जब गौरव दफ्तर से घर वापिस लौट रहे थे.
घटना से चंद मिनट पहले मोबाइल पर पत्नी से बात करते हुए गौरव ने दो मिनट बाद ही कॉल-बैक करने और घर से चंद फर्लांग पर मौजूद होने की बात की थी. उसके बाद अचानक ही गौरव चंदेल मय कार के गायब हो गए थे. गौरव ने मोबाइल पर बताया था कि वे कार के कागजात चैक करा रहे हैं. उसके बाद गौरव चंदेल का कोई पता-ठिकाना नहीं मिला.
परिवार वाले रात के वक्त जब बिसरख थाना और गौड़ चक्कर पुलिस चौकी पर पहुंचे तो वहां से नींद के मारे पुलिस वालों ने उन्हें यह कहकर भगा दिया कि कल सुबह दिन निकलने पर आना तब तलाशेंगे. इसी बीच घटना वाली रात ही तड़के करीब चार बजे इलाके में ही परिवार वालों को गौरव का शव मिल गया. गौरव की हत्या सिर में पीछे की ओर से गोली मारकर की गई थी.
हत्यारे शव को मौके पर ही फेंक गए. जबकि गौरव की एकदम नई कीमती कार हत्यारे साथ ले गए. बाद में मेरठ मंडल की आयुक्त अनिता सी मेश्राम और मेरठ परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक आलोक सिंह (अब गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त) ने बिसरख के कोतवाल सहित तीन-चार दारोगा और चौकी इंचार्ज सस्पेंड कर दिए. जबकि जांच कोतवाली बिसरख पुलिस से छीनकर एसटीएफ के हवाले कर दी गई थी.
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