लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बताकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत देने की मांग की है. न्यायमूर्ति अनिल कुमार ने इस मामले पर राज्य सरकार से 4 जून तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. इस बार प्रजापति ने दलील दी है कि केजीएमयू के जिस विभाग में वह भर्ती है वहां उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा है क्योंकि यह वार्ड कोरोना वार्ड के निकट है.
गौरतलब है कि गायत्री प्रसाद प्रजापति की पहली जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है. दूसरी अर्जी देकर उन्होंने कहा है कि वह गंभीर रोग से पीड़ित हैं. लिहाजा, उन्हें इलाज कराने के लिए जमानत दी जाये. अदालत के आदेश पर प्रजापति का किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में इलाज चल रहा है.
अपर शासकीय अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से सुनवाई के दौरान अदालत को अवगत कराया कि गायत्री को केजीएमयू में पूरा इलाज मिल रहा है. इस पर अदालत से गायत्री के वकील एस के सिंह ने केजीएमयू की ही रिपेार्ट का हवाला देकर इंगित किया कि इसमें तो स्पष्ट लिखा है कि केजीएमूय में मरीजो का कोरोना वायरस का खतरा अधिक है. इस पर अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सरकारी वकील को पूरी स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दे दिया.