गाजियाबाद: यूपी पुलिस धड़ल्ले से एनकाउंटर कर रही है. हर रोज राज्य के किसी न किसी कोने में एनकाउंटर हो रहे हैं. लेकिन अब एनकाउंटर को लेकर पुलिस पर सवाल खड़े होने लगे हैं. ताजा मामला गाजियाबाद का है जहां पर हुए एक एनकाउंटर में मरने वाले के परिवार ने गाजियाबाद पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.


24 मार्च को सुन्दर नाम के एक 18 साल के युवक को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था. युवक एनकाउंटर के समय पैर में गोली लगने से घायल हो गया था, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. घरवालों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही के वजह से युवक की जान गई है. 25 मार्च को सुंदर की मौत हो गई थी.


अब सवाल बड़ा ये उठ रहा है कि क्या पैर में गोली लगने से किसी शख्स की मौत हो सकती है. परिजनों का आरोप है कि सुंदर को विजयनगर पुलिस मेरठ से लेकर आई थी और फ़र्ज़ी एनकाउंटर में उसे गोली मार दी. घरवालों को सुंदर की मौत की खबर और उस पर 25 हजार के इनाम की खबर भी अखबारों माध्यम से मिली.


सुन्दर के भाई ने बताया कि सुंदर पूरे घर का खर्चा संभालता था और उसने ही अपनी बहन की शादी भी की थी. सुंदर छोले कुलचे का ठेला लगा कर गुजारा कर रहा था. होली से पहले सुंदर के भाई को गाजियाबाद की विजयनगर थाने की पुलिस उठा कर ले गयी थी तबसे सुंदर डरा हुआ था और मेरठ जा कर रहने लगा था. लेकिन पुलिस उसे मेरठ से उठा कर लाई और उसका एनकाउंटर कर दी.


आपको बता दे कि नए नियमों के मुताबिक जिले का एसएसपी भी किसी बदमाश पर 25 हजार तक का इनाम कर सकता है. परिवार की माने तो सुंदर आज तक सिर्फ एक मार-पीट के मामले में जेल गया था. परिजनों का आरोप तो यहाँ तक कि उसके बड़े भाई को छोड़ने के नाम पर 20 हजार रुपए लिए थे. सब कागज भी पुलिस ले गयी थी.


आरोप है कि सुंदर का पोस्टमार्टम किया जा चुका है लेकिन उसकी रिपोर्ट पुलिस मीडिया से छुपा रही है. परिवार के फ़र्ज़ी एनकाउंटर के आरोप पर पुलिस के पास बस यही जवाब है कि जांच चल रही है. सुन्दर के परिजनों ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है.