गाजीपुर: निषाद पार्टी के आरक्षण की मांग को लेकर हुए पथराव में शनिवार को एक सिपाही की मौत हो गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गाजीपुर से वापसी के तुरंत बाद हुई इस घटना की योगी सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. सरकार की ओर से मुआवजे के ऐलान, पेंशन और नौकरी के वादे के बीच निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने भाजपा के लोगों पर इस घटना का आरोप मढ़ दिया है. उन्होंने कहा है कि इस घटना में उनके कार्यकर्ताओं का नहीं, बल्कि बीजेपी के लोगों का हाथ है.


संजय निषाद भी इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि उनकी पार्टी अहिंसात्मक आंदोलन में विश्वास करती है. उनके कार्यकर्ता ऐसी किसी भी घटना को अंजाम नहीं दे सकते. निषाद ने आरोप लगाया है कि इस तरह की स्थिति पैदा करने का काम उत्तर प्रदेश सरकार ने किया है. उन्होंने कहा कि निषादों को आरक्षण देने की बात तो यूपी सरकार करती है, लेकिन उनको उनका हक देती नहीं है, जिस वजह से निषाद समाज के लोग आज सड़कों पर उतरे हुए हैं.

आपको बता दें कि गाजीपुर पथराव में सुरेश वत्स नाम के एक कॉन्सटेबल की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए हैं. ये घटना तब हुई जब धरने पर बैठे निषाद समाज के लोगों को पुलिस हटाने गई थी. इस घटना में कुल 22 लोगों को हिरासत में लिया गया. सभी संदिग्धों से नोनहरा थाने में पूछताछ हो रही है. योगी सरकार ने इस घटना की तुरंत जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. सरकार ने दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने की बात भी कही है.

इस मामले में सरकार ने मुआवजे का एलान किया है. साथ ही पेंशन और नौकरी के वायदे भी सरकार की तरफ से किए गए हैं.