नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से घोषित बेगूसराय के उम्मीदवार गिरिराज सिंह इन दिनों पार्टी से काफी नाराज दिख रहे हैं. पार्टी ने उन्हें नवादा के बदले बेगूसराय से चुनाव लड़ने के लिए भेज दिया है. पार्टी के इस फैसले से खफा गिरिराज सिंह ने एलान कर दिया है कि मैं स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं कर सकता.


नवादा सीट से टिकट न मिलने के बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए उन्होंने कहा कि सीट बदले जाने से पहले उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया और पूछा तक नहीं गया. उन्होंने साफ किया कि प्रदेश नेतृत्व जब तक मुझे सीट बदलने को लेकर संतुष्ट नहीं करता मैं स्वाभिमान से समझौता नहीं करूंगा.


गिरिराज सिंह ने कहा, ''चिराग पासवान ने मुझसे कहा था कि आप जहां से चाहें लड़िए. प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा था कि आप जिस सीट से लड़ना चाहें लड़ें. फिर भी मुझसे पूछा तक नहीं गया. एक बार तो मुझसे पूछते. यही मेरे स्वाभिमान को बार-बार कचोट रहा है. जब प्रदेश नेतृत्व से मेरी बात होगी तब आगे का रास्ता देखा जाएगा. मेरे मन में बेगूसराय के खिलाफ कुछ नहीं है लेकिन मैं स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं कर सकता.''


गिरिराज सिंह ने कहा, ''मैं बीजेपी, बेगूसराय और वहां की जनता से प्यार करता हूं. मैं अपने स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं कर सकता. मेरे लिए यह दुख की बात है कि बिना मेरी जानकारी से मेरी सीट बदल दी गई. मैं प्रदेश नेतृत्व की ओर से लिए गए फैसले से काफी नाराज हूं. मुझे दुख हुआ है.''


उन्होंने कहा, ''प्रदेश नेतृत्व को इस बारे में मुझे जानकारी देना चाहिए कि आखिर उन्होंने मेरे साथ ऐसा क्यों किया. मैं नवादा के लोगों के लिए जमकर काम किया हूं और मुझे वहां के बदले कहीं और से चुनाव लड़ने के लिए भेज दिया जा रहा है.''


नवादा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे गिरिराज सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्री भी रहे. पहले उन्हें केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री का पद मिला. कुछ दिनों बाद प्रमोशन दिया गया और इसी मंत्रालय में उन्हें स्वतंत्र प्रभार से नवाजा गया.


साल 2002 में गिरिराज सिंह बिहार विधानसभा पहुंचे. बीजेपी के टिकट पर गिरिराज सिंह एमएलसी बने. एमएलसी रहने के दौरान बिहार कैबिनेट में मंत्री पद भी मिला. साल 2008 से लेकर 2010 तक को-ऑपरेटिव मंत्री रहे. साल 2010 से लेकर 2013 तक गिरिराज सिंह पशुपालन और मत्स्य संसाधन विकास मंत्रालय का कार्यभार संभाला.


केंद्रीय नेतृत्व ने गिरिराज सिंह पर भरोसा जताया और उन्हें नवादा से चुनाव लड़ने के लिए भेजा. जिस समय नवादा से गिरिराज सिंह को टिकट दिया गया था उस वह बेगूसराय से टिकट की मांग कर रहे थे. तब पार्टी ने गिरिराज सिंह को समझा-बुझाकर नवादा सीट पर लड़ने के लिए तैयार किया.


राजनीतिक गलियारों में कहा जाता है कि गिरिराज सिंह नरेंद्र मोदी के काफी करीबी माने जाते हैं. यही कारण था कि जब गिरिराज सिंह नवादा से चुनाव लड़ रहे थे तब खुद नरेंद्र मोदी उनके लिए और अपनी पार्टी के लिए वोट मांगने नवादा पहुंचे थे और रैली को संबोधित किया था.


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