गोरखपुर: योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में उनके दफ्तर में फरियादियों की संख्या अचानक बढ़ गई है. बीस साल तक गोरखपुर से सांसद रहे योगी के पास गोरखपुर और आस-पास से लोग अपनी समस्याएं लेकर आते रहे और अब योगी के सत्ता संभालने के बाद राज्य भर के लोग पहुंच रहे हैं.
योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में दोगुनी हुई फरियादियों की संख्या
टाइपराइटर की खट-खट, फोन की घंटी और फरियादियों की अर्जियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. वो भी तब जबकि योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से बाहर निकलकर पूरे प्रदेश की सत्ता संभाल चुके हैं. और अब गोरखधाम मंदिर में इसे योगी आदित्यनाथ का मिनी सचिवालय कहा जाने लगा है.
आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बने दस दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी भी वो गोरखपुर से सांसद हैं. इसलिए जो फरियादी आ रहा है उसके काम के लिए योगी के सांसद वाले लेटरपैड पर ही चिट्ठी भेजी जा रही है.
पहले सुबह 8 बजे से तीन बजे तक चलता था जनता दरबार
जब योगी सीएम नहीं बने थे तो हर धर्म के लोग फरियाद लेकर आते थे. योगी सबके लिए रोज जरूरत के हिसाब से चिट्ठी भेजा करते थे, फोन-फैक्स करवाया करते थे. पहले सुबह 8 बजे से तीन बजे तक जनता दरबार चलता था. अब अर्जियां निपटाते-निपटाते रात के नौ बजे जाते हैं. क्योंकि योगी के सीएम बनने के बाद भीड़ पहले से दोगुनी हो गई है. अब भी जमीन विवाद, अस्पताल के इलाज में देरी, बिजली का बढ़ा बिल, परिवार में कलह, रेल टिकट रिजर्वेशन से लेकर कर्जमाफी वाले किसान भी जनता दरबार में आ रहे हैं.
योगी के इस मिनी सचिवालय में वो लोग भी आने लगे हैं जिनके काम पिछली सरकार में नहीं हुए. जनता की उम्मीदें ज्यादा हैं इसलिए जनता दरबार में भीड़ बढ़ रही है और योगी की गैरमौजूदगी में भी इंसाफ का सिस्टम काम कर रहा है.