गोरखपुर: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 122वीं जयंती पर गोरखपुर में 13 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई. यह तिरंगा यात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए सहारा स्टेट देवरिया रोड स्थित भारत माता मंदिर पर आकर संपन्न हुई. तिरंगा यात्रा का रास्ते भर लोगों ने स्वागत किया. तिरंगा यात्रा के माध्‍यम से देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को संवैधानिक दिलाने की आवाज बुलंद की जा रही है.


इंजीनियर की नौकरी छोड़ कर हिंदू चेतना मंच का गठन करने वाले रघुवंश हिंदू के नेतृत्व में गोरखपुर में 13 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई. इस तिरंगा यात्रा के माध्यम से गोरखपुर विश्व रिकॉर्ड बनाने की दहलीज पर भी पहुंच गया है. उन्‍होंने कहा कि देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए. उन्‍होंने बताया कि दुनिया का सबसे लंबा तिरंगा फहराकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया जाएगा.



नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 122 वी जयंती पर निकाली गई. इस तिरंगा यात्रा में पूर्व मेयर डॉक्टर सत्या पांडे मध्यप्रदेश के इंदौर के डीएसपी डॉ रवि अतरौलिया समेत विभिन्न स्कूलों की छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. 13 किलोमीटर लंबे तिरंगे को शहर के पैडलेगंज से देवरिया बाईपास होते हुए सहारा स्टेट स्थित भारत माता मंदिर तक पदयात्रा के रूप में सम्मान के साथ ले जाया गया. मार्ग में लोगों ने इस तिरंगा यात्रा का खूब सम्मान किया.

इस अवसर पर हिंदू चेतना मंच के संयोजक रघुवंश हिंदू ने कहा कि वे 3 सालों से लगातार देश के शहीदों के सम्मान में तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं. हर साल इस तिरंगे की लंबाई बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव जैसे तमाम क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर आजादी के संघर्ष को जन-जन तक पहुंचाया था. आज उनके सम्मान में हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं. यही हमारी तरफ से देश के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है.



वहीं पूर्व मेयर डॉ सत्या पांडे और इंदौर के डीएसपी डॉ. रवि अतरौलिया ने कहा कि तिरंगा हमारे देश का सम्मान है. इस तिरंगा यात्रा में शामिल होकर हर किसी को गर्व की अनुभूति ही होगी 26 जनवरी पर पूरा देश तिरंगे के सम्मान में सिर झुकाता है. इसी तिरंगे की आन बान और शान के लिए हर देशवासी अपनी जान तक देने के लिए कुर्बान रहता है. सीमा पर देश के जवान तिरंगे के सम्मान की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दे रहे हैं. देश को आजाद कराने के लिए तमाम क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. ऐसे में इस तिरंगा यात्रा का बहुत ही महत्व है.

वहीं तिरंगा यात्रा में सम्मिलित विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों की छात्र छात्राओं ने कहा कि उन्हें इस तिरंगा यात्रा में शामिल होकर काफी गर्व की अनुभूति हो रही है. तिरंगा हमारे देश के सम्मान का प्रतीक है. ऐसे में हर देशवासियों के साथ हम छात्र-छात्राओं को भी इस यात्रा में शामिल होकर काफी अच्छा लग रहा है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने देश की आजादी के लिए जो योगदान दिया है. उसे उनकी 122 वीं जयंती पर हम सब याद कर रहे हैं. यही असल मायने में उनको सच्ची श्रद्धांजलि है.