गोरखपुरः भारत देश को हिन्दू-मुस्लिम एकता और भाईचारे के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है. यहां अनेकता में एकता के बीच गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल हर गली-मोहल्ले में देखने को मिल ही जाती है. हिन्दू और मुस्लिम सभी धर्म के लोग मिलकर एक-दूसरे के त्योहार मनाते हैं, मिठाइयां खिलाते हैं और बधाइयां भी देते हैं. बकरीद पर जहां हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिली. तो वहीं रक्षाबंधन के पूर्व मुस्लिम भाइयों ने हिन्दू बहनों से राखी बंधवा कर उनकी रक्षा का संकल्प लिया. इसके साथ ही उन्होंने बहनों को पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया.
गोरखपुर के मुंशी प्रेमचंद पार्क में आयोजित रक्षाबंधन कार्यक्रम में पहुंचे मुस्लिम युवाओं ने हिन्दू बहनों से राखी बंधवाई. इसके पहले बहनों ने मिठाई, टीका, रोली और चंदन से थालियां सजाई. उसके बाद उन्होंने दीप जलाकर मुस्लिम भाइयों की एक-एक कर आरती उतारी. उसके बाद उन्हें चंदन-टीका लगाकर उनके लम्बी उम्र की कामना की. इसके साथ ही उनसे खुद की रक्षा का संकल्प भी लिया. उसके बाद उन्होंने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनका मुंह मीठा कराया.
मुस्लिम भाइयों ने भी बहनों का मुंह मीठा कराया और भेंट स्वरूप उन्हें पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए पौधे भेंट किए. इस अवसर पर शहर की सामाजिक गतिविधियों में बढ़चढ़ कर भाग लेने वाले इस कार्यक्रम को पिछले दस वर्षों से करा रहे युवा नेता अनवर हुसैन ने कहा कि वे देश-दुनिया में ये संदेश देना चाहते हैं कि यहां पर हिन्दू और मुसलमान के बीच जो भाईचारा है, उसे कोई खत्म नहीं कर सकता है. यहां पर हिन्दू-मुस्लिम दोनों धर्म के लोग मिलकर एक-दूसरे के त्योहार मनाते चले आ रहे हैं. हम पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को ये बताना चाहते हैं कि हमारे देश के हिन्दू-मुस्लिम के बीच फूट डालने की कोई भी उसकी साजिश कामयाब नहीं होगी.
आफताब अहमद और अकरम खान ने कहा कि वे पिछले दस सालों से ये त्योहार मनाते चले आ रहे हैं. इसके माध्यम से वे भाइचारा का संदेश पूरी दुनिया को देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इससे हिन्दू-मुस्लिम एकता का संदेश जाएगा. उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है कि हिन्दू बहनें यहां पर पिछले दस साल से आ रही हैं और उन्हें रक्षासूत्र बांधकर भाइचारे का संदेश दे रही हैं. उनके लिए और समाज के लिए भी इससे अच्छा संदेश जाएगा.
पिंकी भारती ने बताया कि वे दस साल से इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आ रही है. इस बार उन्होंने भेंट स्वरूप मुस्लिम भाइयों से पौधे मांगे हैं. जिससे कि पर्यावरण संरक्षण के साथ एक अच्छा संदेश भी लोगों के बीच जा सके. इसके साथ ही ये लोग समझ सके कि हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर इस देश को बांटने की जो साजिश हो रही है, वो सफल नहीं होगी. एक मुसलमान कट्टर है, तो सभी मुसलमान को कट्टर नहीं कहा जा सकता है. छेड़खानी की घटनाओं पर उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों से वे कहना चाहती हैं कि एक दिन राखी बंधवाने से कुछ नहीं होता है. उन्हें अपनी सोच बदलनी होगी. वे अपनी सोच बदलें.
इंदू वर्मा ने कहा कि रक्षाबंधन भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक है. मुस्लिम भाइयों के अंदर भी वही भावना होती है, जो हिन्दू भाइयों में होती है. हम मुस्लिम भाइयों को राखी बांधकर एकता का संदेश देना चाहते हैं. इसके साथ वे ये भी कहना चाहती हैं कि वे हम बहनों की रक्षा का संकल्प लें. प्रदेश में लगातार हो रही छेड़खानी की घटनाओं पर उन्होंने कहा कि ऐसे भटके हुए युवाओं को अपनी सोच बदलने की जरूरत है. उन्हें ये सोचना चाहिए कि उनके भी घर में मां और बहनें हैं.
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