गोरखपुर के कैंट इलाके के एयरफोर्स रोड पर निर्माणाधीन एम्स की दीवार रविवार की शाम 6 बजे भरभरा कर गिर गई. हादसे में सात पिलर धराशाई हो गए. दीवार के बाहर की ओर नाला निर्माण के लिए खुदाई की गई थी. कोई सपोर्ट नहीं होने के कारण सड़क की तरफ दीवार के ओर की मिट्टी हटने से गड्ढा हो गया. यही वजह है कि दीवार भरभरा कर गिर गई.
गोरखपुर में एम्स का निर्माण केंद्र सरकार करवा रही है. करोड़ों की लागत से बन रहे एम्स की ओपीडी अगले साल शुरू होनी है. 2022 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. यही वजह है कि इसके निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. सैकड़ों की संख्या में मजदूर दिन-रात काम कर रहे हैं. कई बड़ी मशीनों को भी लगया गया है. 200 करोड़ की लागत से बन रहे एम्स के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कई बार सड़क से लेकर संसद तक आवाज बुलंद की थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समय-समय पर निर्माण कार्य का खुद निरीक्षण करते रहते हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल एम्स की दीवार ढहने पर सवाल उठना लाजिमी है.
घटना की सूचना मिलने के बाद प्रशासन, जीडीए और नगर निगम ने पोकलेन (जेसीबी) की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. आशंका जताई जा रही थी कि मलबे में कई मजदूर फंसे हो सकते हैं. नाले की गहराई ज्यादा होने की वजह से रेस्क्यू में ज्यादा समय लग गया. दीवार ऊंचाई भी तकरीबन 12 से 14 फ़ीट थी. इसे पिलर और लोहे की चादर से तैयार किया गया था. इस दीवार के तकरीबन सात पिलर गिर गए. नाला निर्माण के काम में तकरीबन 21 मजदूर लगे हुए थे. दो ग्रुप में ये काम हो रहा था. पहले ग्रुप में 14 और दूसरे ग्रुप में 7 मजदूर काम कर रहे थे.
मौके पर पहुंचे जीडीए सचिव राम सिंह गौतम ने बताया कि दीवार का मलबा हटा लिया गया है. लेकिन, कोई हताहत नहीं हुआ है. घटना की जांच कराई जाएगी. लापरवाही सामने आने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.