गोरखपुर: जान की बाज़ी लगाकर कुछ कर गुजरने के जज़्बे के लिए हमें भारतीय वायुसेना के जांबाजों को सैल्यूट करना चाहिए. ये वही जवान हैं, जिन्होंने गुजरात में नर्मदा नदी पर दो पहाड़ों के बीच बने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को सलामी देते हुए आसमान में फाइटर प्लेन से तिरंगे की छवि उकेरी थी.


गुजरात के नर्मदा नदी पर बनी सरदार बल्लभ पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के ऊपर किरण (एअर डिफेंस फ्लाइट) से तिरंगा बनाने वाले जांबाज गोरखपुर एअरफोर्स के वायु योद्धा हैं. भव्य प्रतिमा के दोनों ओर चुनौती दे रहे पहाड़ों का सीना चीरते हुए गोरखपुर एअरफोर्स के जांबाजों ने हवा में तिरंगे की आकृति उकेरी तो वातावरण भारत माता की जय के जयघोष से गूंज उठा.


इन जांबाजों ने बताया कि उन्होंने किस तरह से जान पर खेलकर सरदार पटेल को सलामी दी थी. सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा नर्मदा नदी पर दो पहाड़ों के बीच बनी हुई है. इसके बीच तिरंगे की आकृति उकेरना इन वायु योद्धाओं के लिए बड़ी चुनौदी थी. लेकिन, टीम ने उसे कर दिखाया.


31 अक्तूबर को बड़ौदा में सरदार पटेल के प्रतिमा के अनावरण के दौरान गोरखपुर एयरफोर्स के जांबाजों ने ये हैरतअंगेज करतब दिखाया था. शुक्रवार को एअरफोर्स के आफिसर्स ने अपने अनुभनों को साझा करते हुए बताया कि अभियान के टीम लीडर विंग कमांडर एनएस पन्नू रहे हैं.


गोरखपुर एअरफोर्स स्टेशन के चार विंग कमांडर और एक स्क्वाड्रन लीडर समेत कुल आठ आफिसर्स ने इसे अंजाम दिया था. तिरंगे में सफेद रंग निकालने वाले एअरक्राफ्ट को विंग कमांडर एनएस पन्नू और स्क्वाड्रन लीडर बीएस रंधावा उड़ा रहे थे. केसरिया रंग निकालने वाले एअरक्राफ्ट में विंग कमांडर पी. कश्यप और विंग कमांडर विवेक सिंह सवार थे.


हरा रंग निकालने वाले एअरक्राफ्ट को विंग कमांडर वी. अग्रवाल और विंग कमांडर एसके मिश्रा उड़ा रहे थे. इस फ्लाइंग टीम में दो फ्लाइट इंजीनियर भी शामिल रहे. इसमें स्क्वाड्रन लीडर ममता और स्क्वाड्रन लीडर प्रतिभा उनियाल की खास भूमिका रही.