गोरखपुर: कोरोना वायरस पर फैले भ्रम को दूर करने के लिए आयोजित हुआ चिकन मेला
कोरोना वायरस की अफवाह से बचने के लिए गोरखपुर में चिकन मेला लगाया गया. हजारों लोगों ने चिकन मेला में पहुंचकर स्वादिष्ट चिकन का लुत्फ उठाया. इस मेले का आयोजन पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन की ओर से आयोजन किया गया.
गोरखपुर: भला फ्री में नॉनवेज खाने को मिले, तो भला कौन गुरेज करे. सीएम सिटी में भी ऐसा ही अनोखा मामला सामने आया है. अजब-गजब चिकन मेला से यहां के लोग हैरत में हैं. हालांकि फ्री में चिकन का स्वाद चखने वालों की संख्या भी हजारों में रही. दरअसल ये चिकन मेला लोगों में कोरोना वायरस के भ्रम में चिकन से दूर भाग रहे लोगों को जागरूक करने के लिए लगाया गया. इस चिकन मेला को पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन की ओर से आयोजित किया गया. जिससे लोगों के बीच फैले भ्रम को दूर किया जा सके.
इसमें पशु चिकित्साधिकारी के साथ अन्य लोगों ने भी भागीदारी सुनिश्चित कर लोगों को जागरूक किया. पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के अध्यक्ष विनीत सिंह ने बताया कि ये चिकन मेला लोगों मे कोरोना वायरस को लेकर फैली अफवाह के प्रति जागरूक करने के लिए लगाया गया है. उन्होंने बताया कि मटन, चिकन और मछली खाने से कोरोना वायरस नहीं होता है. इसलिए आप लोग मटन, चिकन, मछली सब कुछ खा सकते हैं. चिकन प्रोटीन और विटामिन का अच्छा माध्यम है.
कोरोना वायरस से चीन में कई हजार लोगों की जान जा जुकी. भारत ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने में लोग एहतियात बरत रहे हैं. लोगों के मन में डर भी है. वहीं पोल्ट्री फार्म एशोसिएशन भी काफी परेशान हैं. क्योंकि अफवाह के कारण फुटकर बाजार में मुर्गा का मीट 100 से 120 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट पर बिक रहा है. इसके बावजूद दुकान पर भीड़ न के बराबर हो रही है. यही वजह है कि पोल्ट्री फार्म का व्यापार ठप पड़ गया है.
पोल्ट्री फॉर्म एसोसिएशन द्वारा मुर्गे के कारोबार के बढ़ावा देने के लिए और कोरोना वायरस के अफवाहों से बचने के लिये नई मुहिम छेड़ी गई है. ऐसे में देखना होगा कि क्या पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन की ये मुहिम क्या रंग लाती है. आमजन क्या इस मुहिम से चिकन खाने के लिए जागरूक होंगे. या फिर कोरोना वायरस की दहशत पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन की मुहिम पर भारी पड़ेगी. भारत को फिक्र, कतर में हुआ करार कहीं कश्मीर के लिए नया कांटा न बने यूपी: देवरिया के एक स्कूल क्लर्क ने अपने घर को बनाया परीक्षा केंद्र, खुलेआम लिखी जा रही थीं कॉपियां