गोरखपुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बीस साल पुराने चर्चित पचरुखिया कांड में बड़ी राहत मिली है. बीस साल पहले महाराजगंज जिले के कोतवाली थाने में एसपी नेता तलत अजीज ने योगी आदित्यनाथ और अन्य के खिलाफ गनर सत्य प्रकाश यादव की हत्या का मुकदमा 10 फरवरी 1999 को दर्ज कराया था. पचरुखिया कांड उस समय खूब चर्चा में आया था. इस मुकदमे में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. इसके खिलाफ तलत अजीज ने परिवाद दाखिल किया. सीजेएम महाराजगंज ने इसे भी 13 मार्च 2018 को खारिज कर दिया था. इस आदेश के खिलाफ तलत अजीज ने पुनरीक्षण यचिका दाखिल की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया.
सीएम योगी आदित्यनाथ को बीस साल पुराने एक मामले में बड़ी राहत मिली है. पुलिस कांस्टेबल सत्य प्रकाश यादव मर्डर केस में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रयागराज की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. बीस साल पुराने पुलिस कांस्टेबल सत्य प्रकाश यादव मर्डर केस में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इस मामले में सीबीसीआईडी ने फाइनल रिपोर्ट तैयार की थी. सीजेएम के आदेश को इस मामले में चुनौती दी गई थी. प्रयागराज की स्पेशल कोर्ट ने सीजेएम के आदेश को सही मानते हुए याचिका को खारिज कर दी है. अब सीएम योगी के खिलाफ हत्या का मुकदमा नहीं चलेगा.
इस मामले में महाराजगंज के सपा नेता तलत अजीज ने हत्या का मामला दर्ज कराया था. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने भी इस संबंध में क्रॉस एफआईआर दर्ज कराई थी. दोनों ही मामलों में दाखिल याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है. यह हत्या 10 फरवरी 1999 में हुई थी. 2017 में यूपी की सीएम पद संभालने वाले योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं. इनमें हत्या के प्रयास जैसे संगीन मामले भी शामिल हैं. उनके खिलाफ गोरखपुर और महाराजगंज में लगभग एक दर्जन मामले दर्ज हैं. इसका जिक्र उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान अपने हलफनामे में किया था.
कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला रिजर्व कर लिया था. कोर्ट ने इसके साथ ही सीएम से ही जुड़े एक अन्य मामले में भी दाखिल रिवीजन खारिज कर दी है, जिसमें सीएम वादी थे. पहला मामला 10 फरवरी 1999 को योगी आदित्यनाथ ने महाराजगंज के कोतवाली थाने में दर्ज कराया था. इसमें कहा गया था कि समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेताओं ने तमंचा, ईंट, पत्थर और रिवॉल्वर से लैस होकर मारपीट और कातिलाना हमला किया. इस मामले में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. इसके बाद परिवाद दाखिल हुआ, जिसे सीजेएम महाराजगंज ने 13 मार्च 2018 को खारिज कर दिया. इस आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई थी.
दूसरे मामले में महाराजगंज जिले के कोतवाली थाने में एसपी नेता तलत अजीज ने योगी आदित्यनाथ और अन्य के खिलाफ गनर सत्य प्रकाश की हत्या का मुकदमा 10 फरवरी 1999 को दर्ज कराया था. इस मुकदमे में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी. इसके खिलाफ तलत अजीज ने परिवाद दाखिल किया था. सीजेएम महराजगंज ने इसे भी 13 मार्च 2018 को खारिज कर दिया था. इस आदेश के खिलाफ तलत अजीज ने पुनरीक्षण यचिका दाखिल की थी.
क्या है पचरुखिया कांड...
महराजगंज के पचरुखिया में कब्रिस्तान की जमीन को लेकर विवाद के दौरान गनर सत्य प्रकाश यादव की हत्या हो गई थी. कब्रिस्तान की जमीन के विवाद के दौरान वहां पहुंची तत्कालीन सपा नेता तलत अजीज मामले को सुन रही थीं. सांसद योगी आदित्यनाथ का काफिला उसी समय पचरुखिया से गुजर रहा था. सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमें के आधार पर इस दौरान उनके काफिले पर हमला हो गया. सीएम योगी आदित्यनाथ ने तलत अजीज और उनके साथ मौजूद समर्थकों के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कराया था. इसी विवाद के दौरान भीड़ से चली गोली से तलत अजीज के गनर सत्य प्रकाश की मौत हो गई थी. इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके समर्थकों के खिलाफ गंभीर धाराओं में क्रास एफआईआर भी दर्ज हुई थी.
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