गोरखपुर: पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के गोरखपुर के रहने वाले जवान अवधेश घायल हो गए थे. लेकिन उन्होंने अपने घरवालों से घायल होने की बात छुपा ली थी. ठीक होने के बाद सभी गांव लौटे तो उनका जोरदार स्वागत हुआ. पाकिस्तान के खिलाफ दूसरी बार सर्जिकल स्ट्राइक में जहां सेना और देश का हौसला बढ़ाया है, तो वहीं हमले में घायल जवानों का हौसला भी कम नहीं हुआ है. वे किसी भी पल ड्यूटी पर जाने के लिए तैयार बैठे हैं.


गोरखपुर के भटहट इलाके के सखनी गांव के रहने वाले सत्यनारायण के बेटे सीआरपीएफ जवान अवधेश कुमार भी कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में घायल हो गए थे. जब उनके पिता और परिवार के लोगों ने उनका हाल चाल जानने के लिए फोन किया तो सेना के अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद भी उन्होंने किसी को अपने घायल होने का एहसास नहीं होने दिया. उन्हें सिर और हाथ में गंभीर चोटें आई हैं.


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जब गृहमंत्री राजनाथ सिंह मिलिट्री हॉस्पिटल में जवानों से मिलने गए, तब उनके पिता सत्यनारायण टीवी पर बेटे की तस्वीर देख कर उनके घायल होने के बारे में जानकारी मिली. अवधेश के ठीक होकर बुधवार घर पहुंचने की सूचना मिलते ही भटहट कस्बे के बैरियर तिराहा पर नौजवानों ने फूल-माला के साथ जोरदार स्वागत किया.


भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष उपेन्द्र दत्त शुक्ल ने भी घायल जवान के घर पहुंच उसका सम्मान किया. घायल जवान अवधेश ने कहा कि पांच सप्ताह का अवकाश मिला है. लेकिन जरूरत पड़ी तो वे कभी भी ड्यूटी पर जाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि सिर में लगे चोट का दो दिन पहले टांका कटा है. जबकि अंगुलियों में दोबारा आपरेशन कुछ दिनों बाद किया जाएगा. जवान ने कहा कि देश की सेवा उनके लिए सबसे पहले है.


एक तरफ जहां गांव के लोग 40 जवानों की शहादत पर दु:खी हैं. तो वहीं गांव के लाल अवधेश को अपने बीच पाकर खुश भी हैं.


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