गोरखपुर: यूपी के गोरखपुर के कलेक्‍ट्रेट परिसर के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल में पीएम नरेंद्र मोदी से ऐसे मजदूरों को बात करने का मौका मिला, जो लॉकडाउन के बाद दूसरे राज्‍यों से लौटने के बाद अपने शहर में रोजगार कर रहे हैं. इस दौरान गुजरात के अहमदाबाद से लौटे तीन कामगार और मजदूरों को भी पीएम मोदी से रूबरू होने का मौका मिला. वहीं, बंगलुरु से आए एक मजदूर ने भी  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पीएम मोदी और सीएम योगी के सामने अपनी बात रखी.



वैश्विक महामारी कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के बीच सहजनवां के पाली ब्‍लॉक के टिकरिया खुर्द गांव के रहने वाले नागेंद्र सिंह 29 अप्रैल को काम धंधा बंद होने के बाद गोरखपुर लौटे थे. वे कप और प्‍लेट बनाने वाली फैक्‍ट्री में काम करते रहे थे. क्वारंटाइन पीरियड गुजराने के बाद उन्‍होंने प्रवासी मजदूर ऋण योजना के तहत डेयरी व्‍यवसाय शुरू करने के लिए एक लाख रुपए ऋण के लिए आवेदन किया.



उन्‍होंने बताया कि उन्‍हें आसानी से ऋण मिल गया. वो अब अपना व्‍यवसाय कर रहे हैं. पीएम मोदी ने नागेंद्र से उनका हालचाल पूछा और उसके काम के बारे में जानकारी ली. उन्‍होंने ये भी जाना कि पहले वो कहां काम करता रहा था. अब वो अपना व्‍यवसाय शुरू करके खुश हैं कि नहीं. नागेंद्र ने बताया कि पीएम से बात करके बहुत अच्‍छा लगा. अब वो खुश है और कभी वापस गुजरात नहीं जाने की ठान ली है.



नागेंद्र की तरह ही गोरखपुर के करीमनगर का रहने वाला राजकुमार और हरदोई जिले का रहने वाला विजयेंद्र पाल भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मौजूद रहे. दोनों पांच साल से गुजरात के अहमदाबाद की प्‍लास्टिक के बोरे बनाने वाली फैक्‍ट्री में काम करते रहे थे. उन्‍होंने बताया कि उन्‍हें यहां पर मेसर्स मार्डन लेमिनेटर्स बोरा बनाने वाली फैक्‍ट्री में काम मिल गया है. वे यहां पर खुश हैं. वहीं, कौड़ीराम के रहने वाले विशाल भी बंगलुरू से लॉकडाउन के दौरान लौटै और उसके बाद उन्‍हें काम नहीं मिला. वे यहां पर योजना के तहत 1.90 लाख का लोन लिए और कौड़ीराम में ही इलेक्ट्रिक की दुकान खोल चुके हैं.


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