नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के गोरखपुर से आज 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' की शुरुआत की. आज पीएम मोदी ने 1 करोड़ किसानों के लिए 2000 रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है. इस योजना से देश के करोड़ों किसानों के सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इस योजना के तहत पीएम मोदी के एक क्लिक के साथ ही 2000 रूपये की पहली किश्त किसानों के खाते में पहुंच गई. पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस योजना के तहत हर वर्ष लगभग 75 हज़ार करोड़ रुपए किसानों के खातों में सीधा पहुंचने वाले हैं, देश के वो 12 करोड़ छोटे किसान, जिनके पास 5 एकड़ या उससे कम भूमि है, उन्हें इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि अब मेरे किसान भाई, किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 1 लाख 60 हजार रुपए तक का कर्ज, बिना बैंक गारंटी ले पाएंगे.
पीएम ने कहा कि हमने किसानों की छोटी-छोटी दिक्कतों पर ध्यान देने के साथ ही उनकी चुनौतियों के सम्पूर्ण निवारण पर काम किया है. किसान पूरी तरह से सशक्त और सक्षम बने, इस लक्ष्य के साथ हम निकले हैं. पीएम किसान सम्माननिधि के तहत जो पैसे किसानों को दिए जाएंगे, उसकी पाई-पाई केंद्र सरकार की तरफ से दी जाएगी.
'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' को लेकर कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र शेखावत ने एबीपी न्यूज से कहा कि अगले 10 सालों में किसानों के खाते में साढ़े सात लाख करोड़ रूपये भेजे जाएंगे.
पीएम ने कहा कि ऐसी भी कुछ राज्य सरकारें हैं जिनकी नींद अभी खुली नहीं है. पीएम ने कहा कि अगर इन राज्यों के किसान लाभ से वंचित रह गए तो उनकी बद्दुआएं आपकी राजनीति खत्म कर देंगी. योजना को लेकर किसी के बहकावे में न आएं. महामिलावटी लोगों ने योजना के बारे में सुना तो चेहरा लटक गया था. अब झूठ बोल रहे हैं. यह उनकी जन्मजात आदत है.
पीएम ने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पर ही करीब-करीब एक लाख करोड़ रुपए खर्च कर रही है. इतनी बड़ी राशि हम लगा रहे हैं ताकि देश में जो सिंचाई परियोजनाएं 30-40 साल से लटकी हुई थीं, उन्हें पूरा किया जा सके.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि इस योजना से किसानों की कई पीढ़ियां लाभान्वित होंगी. कर्जमाफी बहुत आसान रास्ता था. लेकिन सच्चाई ये है कि इससे कांग्रेस के चेले-चपाटों का लाभ होता, गरीब किसानों का नहीं. ये नया भारत है. इसमें जो पैसा केंद्र देती है, वो सीधे किसान के खाते में पहुंचते हैं. पहले 'पंजा' 1 रुपये में 85 पैसा मार लेता था और किसान को 15 पैसे ही मिलते थे.
इस योजना में कोई बिचौलिया, दलाल और मेरा-तेरा नहीं है. सबके खाते में सीधा पैसा जाएगा. किसी तरह का भेदभाव नहीं. देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कितना बड़ी निवेश सरकार कर रही है, इसका अंदाजा लगा सकते हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि पूर्व की सरकारों में किसान का भला करने की नीयत नहीं थी लेकिन वर्तमान सरकार किसानों को हर वह संसाधन देने के लिए प्रयासरत है जिससे वे अपनी आमदनी को दोगुना कर सकें.
मोदी ने कहा, 'पहले की जो सरकारें थीं, उनमें किसान का भला करने की नीयत नहीं थी. वे छोटी-छोटी चीजों के लिए किसानों को तरसाती थीं. लेकिन हमने किसानों की सुविधा पर काम किया. हमारी सरकार कोशिश कर रही है कि किसानों को हर वो संसाधन दिए जाएं, जिससे वे अपनी आमदनी को दोगुना कर सकें.'
उन्होंने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार जितना पैसा किसान के लिए भेजती है, वह पूरा पैसा उसके खाते में पहुंचता है. 'अब वो दिन गए जब सरकार 100 पैसा भेजती थी, तो बीच में 85 पैसा दलाल और बिचौलिए खा जाते थे.'
पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को भी फूलप्रूफ बनाया गया है ताकि किसान का अधिकार कोई छीन न सके.
उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में जो पैसे किसानों को दिए जाएंगे उनकी पाई-पाई केंद्र में बैठी सरकार की तरफ से दी जाएगी. इनमें राज्य सरकारों को कुछ नहीं करना है. राज्य सरकार को ईमानदारी के साथ किसानों की सूची बनाकर देना है.
प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘जो राज्य अपने किसानों की सूची हमें नहीं देंगे, उन्हें मैं कहना चाहता हूं कि वहां के किसानों की बद्दुआएं आपके राजनीतिक करियर को बर्बाद करके रख देंगी. ’’
उन्होंने कहा कि हमने देश भर की 99 ऐसी परियोजनाएं चुनीं थीं जिनमें से 70 से ज्यादा अब पूरी होने की स्थिति में आ रही हैं. इन परियोजनाओं की वजह से किसानों को लाखों हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई की सुविधा मिल रही है. यह वो काम है, जो किसानों की आने वाली कई पीढ़ियों तक को लाभ देगा.
मोदी ने कहा कि सिंचाई परियोजनाओं को पूरा न करके, कर्जमाफी करना आसान रास्ता था. लेकिन कर्जमाफी से सिर्फ ऊपरी स्तर के कुछ किसानों का ही फायदा हो पाता था. वो भी ऐसे किसान, जिन्होंने बैंक से कर्ज लिया है. उन करोड़ों किसानों के बारे में कौन सोचता, जो बैंक के बजाय किसी दूसरे से कर्ज लेते हैं.
उन्होंने कहा ‘‘हमारी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य :एमएसपी: पर किसानों की बरसों पुरानी मांग को पूरा किया. रबी और खरीफ की 22 फसलों का समर्थन मूल्य लागत के 50 प्रतिशत से अधिक तय किया गया है. मौसम की मार से किसानों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी बनाई गई है.’’
मोदी ने कहा कि किसानों को उपज का उचित मूल्य मिले, इसके लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं. ई-एनएएम प्लेटफॉर्म से देशभर की सैकड़ों मंडियों को जोड़ने का काम चल रहा है. इससे किसानों को सीधे देश भर की किसी भी मंडी में ऑनलाइन अपनी उपज बेचने का विकल्प मिलेगा.