गोरखपुरः समाजवादी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता भानु प्रकाश मिश्र ने समाजवादी पार्टी से 19 साल पुराना नाता तोड़ लिया. गोरखपुर से तीन बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके भानु प्रकाश मिश्र उस समय चर्चा में आए थे, जब उन्‍होंने साल 2011 में गोरखपुर में हुए सपा के तीन दिवसीय राज्‍य सम्‍मेलन में प्रतीक के तौर पर राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष रहे मुलायम सिंह यादव को सोने की साइकिल भेंट की थी. सपा की प्राथमिक सदस्‍यता से रविवार को इस्‍तीफा देने का कारण उन्‍होंने सपा की समाजवादी विचारधारा से दूरी, ब्राह्मणों के अपमान और उपेक्षा को ठहराया. उनके भाजपा में जाने के संकेत मिल रहे हैं.


सपा नेता भानु प्रकाश मिश्र साल 2007 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर गोरखपुर शहर विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि इस चुनाव में उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके पहले भी वे दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. साल 1993 में उन्‍होंने शिवसेना ज्‍वाइन किया था. यहीं से उन्‍होंने राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. उसके बाद उन्‍होंने 1996 में ही शिवसेना के टिकट पर गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था. उसके बाद वे साल 2007 में एक बार फिर गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे. लेकिन, इस बार भी वे चुनाव हार गए.


साल 2001 में वे समाजवादी विचारधारा से प्रभावित होकर सपा में चले गए. तभी से वे समाजवादी पार्टी के हो गए. प्राथमिक सदस्‍यता से इस्‍तीफा देने के बाद उन्‍होंने कहा कि पार्टी में आज परस्‍पर विरोधाभास दिखाई दे रहा है. एक समय मुलायम सिंह यादव ने लोहिया जी की विचारधारा को आगे लाकर इस पार्टी की नींव रखी थी. लेकिन, आज कथनी-करनी में काफी फर्क हो गया है. इसमें सवर्णों और ब्राह्मणों की इस पार्टी में सबसे अधिक उपेक्षा हो रही है. बैठकों में ब्राह्मणों को अपशब्‍द कहना और उनका काम नहीं करना पार्टी छोड़ने के अहम कारण हैं.

उन्‍होंने कहा कि सपा ने ब्राह्मणों के कंधे का हमेशा अपने स्‍वार्थ के लिए इस्‍तेमाल किया. वे अपने समाज और लोगों के लिए मुहिम बनाकर काम करेंगे और सर्व समाज के लिए उपस्थित रहेंगे. मुलायम सिंह यादव सर्व समाज के अच्‍छे प्रहरी रहे हैं. लेकिन, आज अखिलेश यादव ने पिता को ही अलग कर यदुवंश से प्रेम दिखा रहे हैं. ऐसी पार्टी से तालमेल कर लिया, जो उनके कभी नहीं रहे हैं. समाजवाद पर पूंजीवाद हावी हो गया है. हालांकि उन्‍होंने कहा कि अभी किसी पार्टी में नहीं जा रहे हैं.


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