गोरखपुरः जब एसपी ट्रैफिक ने खुद संभाली सफाई की कमान, मातहत और आमजन भी हो लिए साथ
एसपी ट्रैफिक आदित्य वर्मा बैरियर पर पान की पीक खुद कपड़ा पानी से भिगोकर साफ करने लगे, तो मातहत के साथ कुछ आमलोग भी उनके साथ सफाई अभियान में जुट गए. शहर के गोलघर काली मंदिर के पास लगे पुलिस के बैरियर से उन्होंने साफ-सफाई की शुरुआत की.
गोरखपुरः सरकार के साथ जब अधिकारी और कर्मचारी भी स्वच्छता की ओर एक कदम बढ़ाएं, तो भला किसे सीख नहीं मिलेगी. ‘स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत’ अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी स्वच्छता को लेकर विशेष रूप से लोगों को प्रोत्साहित करते रहते हैं. ऐसे में उन्हीं के शहर में कोई पुलिस का अधिकारी सड़क पर बैरियर पर लगी गंदगी साफ करने लगे, तो आमजन को सीख तो लेनी ही चाहिए. गोरखपुर के एसपी ट्रैफिक आदित्य वर्मा यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जाने जाते हैं. वे शहर के आमलोगों से लेकर आटो और रिक्शा चालकों को भी यातायात के नियमों का पालन करने की सीख देते रहते हैं. राहगीरों को यातायात के नियम समझाने का उनका तरीका भी थोड़ा अलग है. वे कभी उन्हें गुलाब का फूल बांटने निकल पड़ते हैं. तो कभी हेलमेट नहीं पहने लोगों को चेकिंग अभियान के दौरान चालान काटने की बजाय निःशुल्क हेलमेट देकर यातायात के नियमों का पालन करने की सीख देते हैं.
उनके अनोखे अंदाज और कार्यशैली के कारण वे गोरखपुर के लोगों के बीच खासे लोकप्रिय भी हो गए हैं. पहली बार वे लोगों को अनोखे अंदाज में उपहार देकर वार्निंग तो देते हैं. लेकिन, अगली बार यातायात का नियम तोड़ने वालों को माफ नहीं करने का फरमान भी सुनाने से नहीं चूकते हैं. वे कहते हैं कि पहली बार तो वे इस तरह के कार्य करके शहर की जनता को समझाने का प्रयास करते हैं. जिससे अधिक से अधिक लोगों तक उनका संदेश पहुंच जाए. लेकिन, उसके बाद चेकिंग अभियान के दौरान सख्ती भी बरती जाती है. लेकिन, एसपी ट्रैफिक आदित्य वर्मा इस बार ट्रैफिक के नियमों को समझाने के अपने अनोखे अंदाज के लिए चर्चा में नहीं है. बल्कि, इस बार वे सड़क पर उतरे, लेकिन, लोगों को साफ-सफाई का संदेश देने के लिए. कभी वे गरीबों के बीच कम्बल वितरित करने पहुंच जाते हैं. तो कभी राहगीरों को निःशुल्क हेलमेट बांटने लगते हैं. अब मन में ये सवाल तो उठता है, कि भला एसपी ट्रैफिक को साफ-सफाई का संदेश लोगों तक पहुंचाने की जरूरत क्यों पड़ी और इस बार से कौन सा नया तरीका खोजने वाले हैं. तो एसपी ट्रैफिक आदित्य वर्मा खुद ही कपड़ा, पानी और जरूरत के अन्य सामान लेकर सड़क पर निकल पड़े.
शहर के गोलघर काली मंदिर के पास लगे पुलिस के बैरियर से उन्होंने साफ-सफाई की शुरुआत की. वे खुद पानी और बैरियर साफ करने के लिए हाथ में कपड़ा लेकर सफाई में जुट गए. आमतौर पर राहगीर सड़क पर लगे बैरियर को गंदा ही देखते हैं. उन पर अक्सर वे खुद ही पान की पीक और गंदगी कर देते हैं. ऐसे में बैरियर गंदे ही दिखाई देते हैं. एसपी ट्रैफिक आदित्य वर्मा बैरियर पर पान की पीक खुद कपड़ा पानी से भिगोकर साफ करने लगे, तो मातहत के साथ कुछ आमलोग भी उनके साथ सफाई अभियान में जुट गए.
साफ-सफाई के बाद उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि उन्हें अपने घर के साथ शहर की साफ-सफाई पर भी ध्यान देना चाहिए. विभाग के कर्मचारियों को नसीहत देते हुए कहा कि हमें समझना चाहिए कि बैरियर भी हमारी सम्पत्ति है. इस पर गंदगी रहेगी, तो शहर और चौराहे भी गंदे ही दिखाई देंगे. उन्होंने आमलोगों से भी अपील करते हुए कहा कि वे सरकारी सम्पत्तियों को गंदा न करें. बल्कि अपने घरों के साथ शहर को भी साफ रखने में योगदान दें. उन्होंने बताया कि हर रविवार को छुट्टी के दिन एक चौराहे पर वे सफाई की कमान संभालेंगे. एसपी ट्रैफिक आदित्य वर्मा ने खुद सफाई की कमान संभाल कर लोगों को साफ-सफाई की सीख दी है. ऐसे में हम सभी का फर्ज है कि हम भी अपने घर के साथ शहर को भी साफ रखें. तभी ‘स्वस्थ भारत-स्वच्छ भारत का सपना साकार हो सकेगा.