गोरखपुरः यूपी के मुख्‍यमंत्री ने शनिवार को 8.5 करोड़ रुपए की लागत से नौ एकड़ में बने कान्‍हा उपवन और गोशाला का लोकार्पण किया. इस दौरान उन्‍होंने बताया कि प्रदेश के 70 जनपदों में गोशाला की व्‍यवस्‍था हो चुकी है. अब तक 4.5 लाख गोवंश को रखने की व्‍यवस्‍था की गई है. इसके पहले कान्‍हा उपवन और गोशाला के लोकार्पण के दौरान उन्‍होंने कहा कि कान्‍हा उपवन और गोशाला में 1200 से 1500 गोवंश रखने की व्‍यवस्‍था होगी. उन्‍होंने गोपालकों को सख्‍त निर्देश देते हुए कहा कि गोवंश हमारी आस्‍था के प्रतीक हैं. हमें इनकी सेवा करनी चाहिए. गोपालक दूध निकालने के बाद गाय को सड़क और खेत में नहीं छोड़ें, नहीं तो उन्‍हें जुर्माना देना होगा.


योगी आदित्‍यनाथ के बताया कि प्रदेश सरकार एक गोवंश पर प्रतिदिन 30 रुपए खर्च की व्‍यवस्‍था की गई है. उन्‍होंने बताया कि सभी आश्रय स्‍थलों में रहने वाले गोवंश के गोबर से खाद तैयार कर उसे बिक्री के लिए बाजार दिया जाएगा. उन्‍होंने बताया कि गोरखपुर के महेवा मंडी के पास बने इस गौशाला में एक साथ 570 पशु अपना भोजन और चारा खा सकते हैं. इसके अलावा 430 पशु आराम कर सकते हैं. इस पशु आश्रम के बन जाने से गोरखपुर शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों के लोगों को अब निराश्रित गोवंश के छुट्टा घूमने से निजात मिल जाएगी.



इन बेजुबान पशुओं को अच्छा आश्रय भी मिल जाएगा. कुल 8.5 करोड़ की लागत से बने इस गोशाला में दो कैटल शेड, एक भूसा गोदाम, दो आहार भंडार, एक पशु चिकित्सालय और एक कार्यालय भवन का निर्माण किया गया है. इसके साथ ही यहां पर रहने वाले जानवरों को हर वो सुविधा देने की कोशिश की गई है, जो योगी सरकार ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था. सीएम योगी ने इस कान्हा उपवन और गोशाला का लोकार्पण करने के बाद यहां बने हुए सभी शेड का निरीक्षण किया और नगर निगम अधिकारियों को निर्देश दिया कि अब से कोई भी निराश्रित जानवर अब शहर में सड़कों और खेतों में भटकता नहीं पाया जाना चाहिए. नगर के साथ आसपास के ग्रामीण इलाकों के गोवंश को यहां पर रखा जाएगा. इससे किसानों की फसलों का नुकसान नहीं होगा और पूरा महानगर निराश्रित गोवंश से मुक्त होगा.


इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिंचाई और जल संसाधन विभाग के सौजन्‍य से राजघाट पर घाट निर्माण परियोजना के अन्तर्गत 18 करोड़ 69 लाख 71 हजार रुपए की लागत से 100 मीटर लम्बा और 78 मीटर चौड़ा निर्माणाधीन घाट का विस्तृत निरीक्षण किया और इससे संबंधित मैप का अवलोकन किया. परियोजना की निर्माण एजेंसी/कार्यदायी संस्था ड्रेनेज खण्ड के अधिकारियों ने बताया कि इसका निर्माण कार्य 9 मार्च 2019 से प्रारम्भ हुआ है. 31 मार्च 2020 तक ये कार्य पूर्ण होने का लक्ष्य है. मुख्यमंत्री ने निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत कार्य पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कहा कि कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए.



मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि श्‍मशान घाट पर शेड बनाने के साथ साथ चबूतरे का निर्माण किया जाए. जिससे दाह संस्कार में लोगों को कोई असुविधा न हो. उन्होंने कार्यों पर संतोष व्यक्त किया. इस अवसर पर महापौर सीताराम जायसवाल, महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी, मण्डलायुक्त जयन्त नार्लीकर, जिलाधिकारी के. विजयेन्द्र पाण्डियन, नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह सहित बाढ़ खण्ड के उपस्थित रहे.