गोरखपुर ट्रेजडी: BRD के कर्मचारियों ने आक्सीजन की कमी को लेकर लिखी थी चिट्ठी
इस चिट्ठी में अस्पताल के कर्मचारी ने ऑक्सीजन की कमी की बात लिखी थी. अस्पताल के कर्मचारी ने परसों चेतावनी भी दी थी कि अगर ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होती है तो बच्चों की जान पर खतरा भी हो सकता है.
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से पिछले 48 घंटों के दौरान 36 मासूमों की मौत हो गई है. अब खुलासा है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने आक्सीजन की कमी को लेकर 10 अगस्त को ही सेंट्रल पाइप लाइन की विभागाध्यक्ष को चिट्टी लिख दी थी. बावजूद इसके अस्पताल में आक्सीजन की कमी को पूरा नहीं किया जा सका.
दावा है कि मेडिकल कॉलेज में दो दिन के भीतर 36 बच्चों की मौत की वजह अचानक 10 अगस्त की शाम ऑक्सीजन सप्लाई का रुक जाना है, क्योंकि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी का पैसा बकाया था.
ABP न्यूज के पास है ये चिट्टी
सेंट्रल पाइप लाइन की विभागाध्यक्ष को लिखी गई ये चिट्टी ABP न्यूज के पास है. इस चिट्ठी में अस्पताल के कर्मचारी ने ऑक्सीजन की कमी की बात लिखी थी. अस्पताल के कर्मचारी ने परसों चेतावनी भी दी थी कि अगर ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होती है तो बच्चों की जान पर खतरा भी हो सकता है.
ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी का बकाया था
वहीं, बताया जा रहा है कि अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी का 66 लाख रुपए से ज्यादा बकाया था. इस मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई का जिम्मा लखनऊ की निजी कंपनी पुष्पा सेल्स का है. तय अनुबंध के मुताबिक मेडिकल कॉलेज को दस लाख रुपए तक के उधार पर ही ऑक्सीजन मिल सकती थी. एक अगस्त को ही कंपनी ने गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज चिट्ठी लिखकर ये तक कह दिया था, कि अब तो हमें भी ऑक्सीजन मिलना बंद होने वाली है. पैसा चुका दो.
क्या है पूरा मामला दरअसल गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में 10 अगस्त की शाम ऑक्सीजन सप्लाई का रुक गई थी. जिसकी वजह से उसी दिन बच्चों की मौत का आंकड़ा 23 पहुंच गया है और इसके बाद भी 13 मासूम बच्चों की मौत हो गई. बताया गया कि जब अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई रुकी थी और बच्चों की जान सिर्फ एक पंप के सहारे टिकी हुई थी. सूत्रों के मुताबकि, अस्पताल में अभी भी ऑक्सीजन सप्लाई की कमी है. इस अस्पताल में पिछले पांच दिनों के अंदर करीब 63 मरीजों की मौत हो चुकी है, जिसमें 36 बच्चे शामिल हैं.