गोरखपुर: गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद योगी सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनीता भटनागर की छुट्टी हो गई है, जबकि  मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल रहे राजीव मिश्र और डॉक्टर कफील खान समेत छह लोगों पर मुक़दमा दर्ज करने के आदेश भी दिए गए हैं.


लखनऊ के हजरतगंज थाने में 3 FIR दर्ज


ये कार्रवाई बच्चों की मौत से जुड़ी जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल इस जांच रिपोर्ट पर अपने मंत्रियों के साथ विचार-विमर्श के बाद कार्रवाई के आदेश दिए. इस सिलसिले में लखनऊ के हजरतगंज थाने में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं.


पुष्पा सेल्स के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज


मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर राजीव मिश्रा, उनकी पत्नी पूर्णिमा शुक्ला और ऑक्सीजन सप्लाई एजेंसी पुष्पा सेल्स के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया है. डॉक्टर राजीव मिश्रा और मेडिकल कॉलेज के एक अकाउंटेंट के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज हुआ है.


डॉक्टर कफील खान के खिलाफ भी केस दर्ज


अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ रहे डॉक्टर कफील खान के खिलाफ भी प्राइवेट प्रैक्टिस करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है. योगी सरकार ने कार्रवाई के आदेश जिस जांच रिपोर्ट के आधार पर दिए हैं, वो यूपी के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी चार सदस्यों की कमेटी ने तैयार की है.


डॉ कफील खान गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल के वही डॉक्टर हैं, जिनकी पहले तो इस बात के लिए जमकर तारीफ हुई कि उन्होंने बच्चों की जान बचाने की जी-जान से कोशिश की,  लेकिन बाद में उन्हें प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप में पद से हटा दिया गया था.


खबर है कि इस जांच रिपोर्ट में कहा गया है-




  • गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई तो रुकी थी, लेकिन स्टोर में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी नहीं थी.

  • रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई थी.


गोरखपुर में बच्चों की मौत से जुड़ी इस जांच रिपोर्ट में कही गयी इन बातों से कुछ अहम सवाल खड़े होते हैं.


पहला सवाल- अगर बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई तो ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के खिलाफ एफआईआर क्यों दर्ज की गई है?


दूसरा सवाल- अगर अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी नहीं थी तो ऑक्सीजन की सप्लाई रुकी क्यों?


तीसरा सवाल- जांच रिपोर्ट में अगर ऑक्सीजन सप्लाई रुकने की बात मानी गई है, तो फिर ऐसा क्यों कहा जा रहा है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई?