गोरखपुर के BRD कॉलेज में 36 बच्चों की मौत, योगी सरकार का ऑक्सीजन की कमी से इनकार
पुष्पा सेल्स को 51 लाख के पेमेंट के बाद अभी ऑक्सीजन की नियमित सप्लाई ना मिलने की वजह से वैकल्पिक तरीके से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है. आईजीएल और मोदी फार्मा नाम की कंपनी से आये सिलेंडर्स अलग अलग वार्डों में लगाकर आपूर्ति हो रही है.
इंसेफ्लाइटिस के लिए बने 100 नंबर वार्ड में एक बार मे 16 सिलेंडर लगते हैं, जो डेढ़ घंटे तक चलते हैं. आज सुबह 50 सिलेंडर लाये गए हैं. वहीं दोपहर को भी बंदोबस्ती के तहत 50 सिलेंडर पहुंचा दिए गए हैं.
गोरखपुर ट्रेजडी: BRD के कर्मचारियों ने आक्सीजन की कमी को लेकर लिखी थी चिट्ठी
ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी का बकाया था
वहीं, बताया जा रहा है कि अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी का 66 लाख रुपए से ज्यादा बकाया था. इस मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई का जिम्मा लखनऊ की निजी कंपनी पुष्पा सेल्स का है. तय अनुबंध के मुताबिक मेडिकल कॉलेज को दस लाख रुपए तक के उधार पर ही ऑक्सीजन मिल सकती थी. एक अगस्त को ही कंपनी ने गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज चिट्ठी लिखकर ये तक कह दिया था, कि अब तो हमें भी ऑक्सीजन मिलना बंद होने वाली है. पैसा चुका दो.
क्या है पूरा मामला
दरअसल गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में 10 अगस्त की शाम ऑक्सीजन सप्लाई का रुक गई थी. जिसकी वजह से उसी दिन बच्चों की मौत का आंकड़ा 23 पहुंच गया है और इसके बाद भी 13 मासूम बच्चों की मौत हो गई. बताया गया कि जब अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई रुकी थी और बच्चों की जान सिर्फ एक पंप के सहारे टिकी हुई थी. सूत्रों के मुताबकि, अस्पताल में अभी भी ऑक्सीजन सप्लाई की कमी है. इस अस्पताल में पिछले पांच दिनों के अंदर करीब 63 मरीजों की मौत हो चुकी है, जिसमें 36 बच्चे शामिल हैं.