महाराजगंज: गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों में यूपी के महाराजगंज जिले के तीन मासूम भी शामिल हैं. बता दें कि महारजगंज के गबरुआ गांव के रहने वाले अब्दुल के ढाई महीने के मासूम बेटे उनके सामने ही दम तोड़ दिया .
महाराजगंज के गबरूआ गांव का रहने वाला ढाई महीने का मासूम अब्दुल रहमान अब इस दुनिया में नहीं है. 8 अगस्त को अब्दुल रहमान को बीमार होने के बाद उसके परिवार वाले उसे जिला अस्पताल ले गए थे, लेकिन हालत में सुधार न होने की वजह से उस मासूम को गोरखपुर के बाबा राघव दास अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
बच्चे के घरवालों के मुताबिक जब डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया तो सब कुछ ठीक था, लेकिन 11 अगस्त को अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई. रहमान के पिता ने बताया है कि जब ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी तो अस्पताल में मिली ही नहीं. उन्होंने कहा है कि मेरा बेटा तड़प रहा था, लेकिन ऑक्सीजन ने मिलने की वजह से उसने दम तोड दिया.
सिद्धार्थनगर
बीआरडी अस्पताल में सिद्धार्थनगर जिले के रहने वाले किशन के 3 साल के मासूम बेटे ने दम तोड़ दिया. हटवा गांव के रहने वाले किशन ने अपने 3 साल के मासूम लवकुश को बुखार हो जाने पर जिला अस्पताल मे भर्ती कराया था, जहां उसे दिमागी बुखार बता कर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया.
मासूम लवकुश के परिवार वालों ने जानकारी देते हुए बताया है कि वह पांच दिन तक वो मेडिकल कॉलेज मे भर्ती रहा. सबकुछ समान्य था फिर अचानक उसकी तबीयत खराब हुई और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
योगी सरकार भले ही ऑक्सीजन की कमी से मौत होने से इनकार कर रही हो, लेकिन मृतक बच्चे के पिता किशन का कहना है कि उनके बच्चे की मौत ऑक्सीजन उपलब्ध न होने की वजह से हुई.
संतकबीरनगर
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों में संतकबीरनगर जिले के दो मासूम भी शामिल हैं. शहर कोतवाली के मीरगंज गांव के रहने वाले इसहाक अहमद के 4 दिन के मासूम माजिद और कुसमैनी गांव के रहने वाले बुद्धिराम चौधरी की साढ़े तीन साल की मासूम शिवानी की भी मौत हो गई.
माजिद के परिवार वाले 4 दिन के बच्चे माजिद को लेकर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज ले गए. यह मासूम बच्चा 2 दिनों से बीमार था. परिवार वालों का आरोप लगाया है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से माजिद की जान गई है. माजिद के परिवार वालों का कहना है कि अस्पताल में भारी लापरवाही बरती जाती है और साथ ही मरीजों पर सही ढंग से ध्यान नहीं रखा जाता.
कुसमैनी गांव की साढ़े तीन साल की शिवानी की मौत भी बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई. परिवार वालों का आरोप है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं थी. बताया जा रहा है कि बच्ची की हालत खराब होने पर उसे ऑक्सीजन चढ़ाया गया, लेकिन मां ने खुद चेक किया तो ऑक्सीजन सिलेंडर में ऑक्सीजन नहीं था. शिवानी की मां और परिवार वालों ने बीआरडी कॉलेज के डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
कुशीनगर
बीआरडी कॉलेज में कुशीनगर के पांच बच्चों की भी मौत हुई है. इन पांच बच्चों में से एक 6 साल लक्ष्मी भी थी. 6 साल की लक्ष्मी को बीमार होने पर बेहतर इलाज के लिए उनके पिता महेंद्र प्रसाद बीआरडी अस्पताल ले गए. बच्ची के पिता का कहना है कि 8 अगस्त को बच्ची को ऑक्सीजन देने की जगह पंप थमा दिया गया और मृत्यु प्रमाणपत्र देकर इन्हें घर भेज दिया गया.