गोरखपुर: लाखों रुपए की शार्ट बैंकिंग को छुपाने और नौकरी बचाने के लिए वोडाफोन की स्‍टोर मैनेजर और उसके साथी कर्मचारियों को लूट की झूठी कहानी रचना महंगा पड़ गया. पुलिस ने मैनेजर समेत उसके तीन साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है. दो दिन पहले उसने पुलिस को 7.5 लाख रुपए की लूट की सूचना दी थी. लेकिन, कर्मचारियों के बयान में विरोधाभास और सीसीटीवी फुटेज ने झूठी कहानी से पर्दा उठा दिया. सीसीटीवी फुटेज देखकर ही ये साफ हो जा रहा है कि किस तरह से लूट की झूठी कहानी रची गई थी.



कर्मचारियों के बयान और सीसीटीवी ने खोले राज


गोरखपुर के एसएसपी शलभ माथुर ने घटना का खुलासा किया. उन्‍होंने बताया कि कोतवाली इलाके बैंकरोड पर स्थित वोडाफोन की स्टोर मैनेजर मयूरी शर्मा ने 20 सितंबर की दोपहर 2.30 बजे पुलिस को 7.5 लाख रुपए के लूट की सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस को वोडाफोन की स्‍टोर मैनेजर मयूरी शर्मा ने बताया कि एक बदमाश स्‍टोर के ऊपरी तल पर आकर असलहा सटाकर उससे 7.5 लाख रुपए लूट ले गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने मयूरी शर्मा और अन्‍य कर्मचारियों से भी पूछताछ की तो कर्मचारियों के बयान में भी विरोधाभास मिला. पुलिस ने सीसीटीवी की पड़ताल में भी लूट की कहानी झूठी ही लगी.



कस्टमर्स से मिले पैसे और एम. वैलेट में हुई थी बड़ी हेरफेर


पुलिस ने मयूरी शर्मा की ओर से दी गई तहरीर में नामित संदिग्ध कर्मचारियों से पूछताछ की तो मामला साफ हो गया. कर्मचारियों ने बताया कि वोडाफोन में कैशियर शशांक गुप्ता ने कस्टमर्स से मिले पैसे और एम. वैलेट में किए गए पेमेंट में काफी गड़बड़ी की थी. इस वजह से शार्ट बैंकिग की स्थिति पैदा हो गई. शार्ट बैंकिग को छिपाने के क्रम में पिछले एक साल से अधिक समय के दौरान कम्पनी के ट्रांजेक्‍शन के सम्बन्ध में एक्सिस बैंक में जो बैकिंग करायी गयी, हर ट्रांजेक्‍शन कास्ट एक प्रतिशत की दर से बढ़ता चला गया. इस वजह से पैसों का शार्टेज लाखों में चल रही थी. जिसको लेकर शशांक काफी परेशान रहता था. पुलिस ने वोडाफोन स्टोर मे लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया. जिसमें घटना संदिग्ध लग रही थी.इस आधार पर शशांक गुप्ता से पूछताछ की गई, तो अपने ही बयानों में उलझता चला गया.


शार्ट बैंकिग को छुपाने और नौकरी बचाने के लिए रची गई साजिश


टीम द्वारा और कड़ाई से पूछताछ करने पर शशांक गुप्ता द्वारा टूट गया और जुर्म कुबूल कर लिया. उसने बताया कि वोडाफोन की स्‍टोर मैनेजर मयूरी शर्मा और वोडाफोन में ही कार्यरत उसके खास दोस्‍त अभिषेक त्रिपाठी को इस संबंध में पूर्व से जानकारी थी. इसके साथ ही लाखों की शार्ट बैंकिग को छुपाने और अपनी नौकरी बचाने के लिए दोनों ने मिलकर लूट की झूठी कहानी रची थी. मयूरी शर्मा शशांक की नौकरी बचाने के साथ-साथ अपनी भी नौकरी बचाने के लिये इस अपराधिक कृत्य को करने में सहयोग कर रही थी. इसके बाद शशांक को गिरफ्तार कर लिया गया.



आरोपियों को भेज गया जेल


घटना में शामिल अन्य आरोपियों अफजल खां और वोडाफोन के दो कर्मचारियों स्टोर मैनेजर मयूरी शर्मा और अभिषेक त्रिपाठी को भी कचहरी चौराहा पर से गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि रुपए में काफी शार्टेज होने के कारण लूट की झूठी कहानी रची गई थी. घटना को करने के लिए आरोपी अफजल को 20,000 रुपए शशांक गुप्ता ने दिया था. जिसमें से अभियुक्त अफजल से 10,000 रुपए बरामद कर लिया गया. इसके अलावा पुलिस ने आरोपियों के पास से 57,830 रुपए, दो अदद मोबाइल, लूट के नाम पर बैग में ले जाए गए 76 सिम कार्ड 4 जी, 4 प्रीपेड सिम कार्ड बरामद किया है. पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ कोतवाली थाने में आईपीसी की धारा 394, 408, 420, 471, 411, 120बी के तहत मामला दर्ज कर उन्‍हें कोर्ट में पेश किया. जहां से उन्‍हें जेल भेज दिया गया.


इस घटना संबंध में आरोपी शशांक गुप्‍ता ने बताया कि कस्‍टमर के साथ ट्रांजेक्‍शन में गड़बड़ी के कारण बैंक में कैश शार्ट होता गया. इस कारण बैंक में देनदारी बढ़ते हुए 7.5 लाख रुपए तक पहुंच गई. उस रुपए की भरपाई और अपनी-अपनी नौकरी बचाने के लिए लूट की झूठी कहानी रची गई. वहीं आरोपी स्‍टोर मैनेजर मयूरी शर्मा ने बताया कि शशांक के कहने पर ही वो इस षड्यंत्र में शामिल हो गई. उसने शशांक के कहने पर ही पुलिस को कॉल कर लूट की झूठी सूचना दी थी.