गोरखपुर: वर्ल्ड के नंबर वन रेसलर बजरंग पूनिया ने इस फील्ड में करियर तलाशते युवाओं को नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि डोपिंग से बचने की जिम्मेदारी इस फील्ड में आने वाले युवाओं की है. उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा कि वो ऐसी किसी भी दवा और अन्य चीजों का सेवन न करें, जिसमें एस्टेरॉयड की थोड़ी सी भी मात्रा है. जो भी इस फील्ड में आता है उसे अपने दम पर ही आगे बढ़कर मुकाम तक पहुंचना है.


इसी साल एशियन गेम्स में 65 किलो ग्राम भारवर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर वर्ल्ड के नंबर वन रेसलर बने पूनिया गोरखपुर में आयोजित होने वाली स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप में बतौर मुख्य अतिथि सम्मलित होने आए हैं. उन्होंने कहा कि 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक में गोल्डमेडल जीतकर नम्बर वन के खिताब को बरकरार रखना उनका लक्ष्य है.


अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित बजरंग पूनिया ने रेसलिंग की दुनिया में युवाओं के बढ़ते रुझान पर कहा कि डोपिंग के आरोपों से बचकर वे अपना कैरियर शीर्ष पर ला सकते हैं. कम उम्र में बड़ा नाम कमाकर भारत का नाम विश्व पटल पर रोशन करने वाले पूनिया ने कहा कि रेसलिंग पर फिल्में बनने से रेसलिंग करने वालों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है.


उन्होंने बताया कि वे पहली बार गोरखपुर आए हैं. उन्हें काफी अच्छा लग रहा है. लोगों का प्यार और सम्मान उन्हें लगातार मिल रहा है. किसी खिलाड़ी के लिए वर्ल्ड रैंकिंग पर जाना सपना होता है. मेरा भी यही सपना था और मेरी लगातार यही कोशिश है, कि मैं आगे भी नंबर वन के खिताब को बरकरार रख सकूं. मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि जो आगे टूर्नामेंट होने वाले हैं. उनमें में नंबर वन के खिताब पर बना रहा हूं.


वे 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक की तैयारियों में लगे हुए हैं. उनका कहना है कि नंबर वन का खिताब पाना पूरे देश का आशीर्वाद और गुरुओं के साथ का परिणाम है. उसके साथ ही उनके माता-पिता की मेहनत का फल है, जो वे आज नंबर वन के खिताब पर कब्जा कर पाए हैं. वे कहते हैं कि मेरा ये सौभाग्य है कि मुझे इतने अच्छे गुरु मिले हैं, जिन्होंने इतनी कम उम्र में मुझे यहां तक पहुंचाया है.


पूनिया ने कहा कि राष्ट्रपति से सम्मान प्राप्त करना हर खिलाड़ी का सपना होता है. खेल का सबसे बड़ा अवार्ड खिलाड़ी को मिले हर खिलाड़ी की तरह मेरा भी यही सपना था. 2015 में मुझे अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. जब मेडल जीतने के बाद आपको दोबारा सम्मानित किया जाता है, तो खुशी होती है.


प्रतिबंधित दवाओं के सेवन पर उन्होंने कहा कि कोई भी खिलाड़ी ऐसी दवाओं का सेवन करते पकड़ा जाएगा, तो उसे इसकी सजा जरूर मिलेगी. हर खिलाड़ी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जब भी वह खेलने जाता है, तो ये जरूरी नहीं कि वह भारत में जांच के दौरान बच गया तो विदेश में बाजी मार जाएगा. वहां पर भी जांच होगी और अगर प्रतिबंधित दवाओं का सेवन करता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होती है. इसकी जिम्मेदारी खुद खिलाड़ी की होती है.


युवाओं को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि अगर वह नेट पर भी सर्च करते हैं तो उन्हें पता चल जाएगा कि किन-किन दवाओं व खाद्य पदार्थों में स्टेरॉयड मिला होता है. आप क्या लेते हैं और डोप में आता है कि नहीं आता है, इसकी जानकारी आपको मिल जाएगी.


रेसलिंग पर बन रही फिल्मों से इस खेल को काफी बढ़ावा मिल रहा है. लोगों का रुझान इस खेल के प्रति बढ़ा है. हमारे देश की कुश्ती इससे काफी ऊपर गई है. वे चाहते हैं कि टोक्यो में होने वाले ओलंपिक में भारत में कम से कम रेसलिंग में 2 से 3 मेडल जरूर आए.


खेल पर राजनीति के प्रभाव पर चर्चा करते हुए बजरंग पूनिया ने कहा कि हमारी फेडरेशन में मैं 2012 से सीनियर कैंप में हूं. मुझे ऐसा नहीं लगा कि यहां कोई राजनीतिक हस्तक्षेप है. उन्होंने कहा कि पहले हमारे देश में क्रिकेट को ही आगे लेकर जाते थे. लेकिन, अब मीडिया और अन्य माध्यमों से इस खेल को बढ़ावा मिल रहा है.