गोरखपुर: गोरखपुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जहां अपनी पत्नी को सात महीने पहले मौत के मुंह में ढकेल चुके डॉक्टर ने उसे वर्चुअली जिंदा रखा. वर्चुअली जिंदा रखने का मतलब यहां पर ये है कि डॉक्टर धर्मेंद्र प्रताप सिंह की तरफ से उसकी पत्नी राजेश्वरी श्रीवास्तव उर्फ राखी की सोशल मीडिया पर प्रोफाइल लगातार अपडेट की जाती रही. जिसके मुताबिक वो आसाम में थीं.

धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी पूर्व पत्नी राखी को नेपाल के पोखरा में मौत के घाठ उतार दिया था. यूपी एसटीएफ ने राखी हत्याकांड मामले में गोरखपुर के आर्यन अस्पताल के मालिक डॉ डीपी सिंह समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इसकी जानकारी यूपी एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने गोरखपुर में दी. इन लोगों ने जुर्म कबूल भी किया है. एसटीएफ द्वारा पूछताछ में आरोपी डॉक्टर ने स्वीकार किया कि राखी को पोखरा में पहाड़ से खाई में ढकेल दिया गया था.

पूछताछ में पता चला कि राखी हमेशा डॉक्टर को प्रॉपर्टी और पैसे के लिए ब्लैकमेल किया करती थी. इस बात से तंग आकर ही डॉक्टर ने राखी को जान से मारने की साजिश रची. जून में डा. डीपी सिंह राखी को लेकर नेपाल गये और अपने दो कर्मचारियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया.

राखी का शव नेपाल के पोखरा में बरामद हुआ था. इससे पहले राखी परिवार वालों ने जुलाई 2018 में राखी की गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

बता दें कि अब नेपाल पुलिस भी डॉक्टर उसके दोनों कर्मचारियों को अपने यहां नामजद करेगी. इस हत्याकांड ने एक बार फिर शीना बोरा हत्याकांड की याद ताजा कर दी है. शीना बोरा की मां इंद्राणी मुखर्जी ने भी सोशल मीडिया पर हत्या के 3 साल बाद तक अपनी बेटी को जिंदा रखा था. लोगों से पूछने पर यही कहती रही कि वह विदेश में है. जबकि लोग उससे जब संपर्क करने की कोशिश करते थे, तो उससे बात नहीं हो पाती थी. ठीक ऐसा ही इस मामले में भी हुआ. जून में हत्या के बाद भी डॉ डीपी सिंह ने अपनी पूर्व पत्नी राजेश्वरी श्रीवास्तव को सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए जिंदा रखा.