देवरिया: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने शनिवार को कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकार किसी भी सूरत में एससी-एसटी एक्ट का दुरूपयोग नहीं होने देगी. अगर कोई ऐसा करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जनता चाहती है कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बने और बीजेपी भी जनता की भावनाओं के अनुसार मंदिर बनवाना चाहती है.


शनिवार को जिले के दौरे पर आए पाण्डेय ने कहा कि जब देश का संविधान बना, उस समय संविधान सभा में 75 फीसदी सदस्य सामान्य वर्ग के थे. उन्हीं लोगों ने दलितों और पिछड़ों को कैसे बराबरी पर लाया जाए, इस पर विचार कर संविधान में प्रावधान किया.


सामान्य समाज जागरूक है और सभी चीजों को गंभीरता से देख रहा है. अगर कहीं कोई विसंगति होगी तो उसे दूर कर लिया जाएगा.


क्या है राम मंदिर विवाद?

बता दें कि राम मंदिर का मुद्दा फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है. साल 1989 में राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद ज़मीन विवाद का ये मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा था. 30 सितंबर 2010 को जस्टिस सुधीर अग्रवाल, जस्टिस एस यू खान और जस्टिस डी वी शर्मा की बेंच ने अयोध्या विवाद पर अपना फैसला सुनाया. फैसला हुआ कि 2.77 एकड़ विवादित भूमि के तीन बराबर हिस्से किए जाएं. राम मूर्ति वाला पहला हिस्सा राम लला विराजमान को दिया गया. राम चबूतरा और सीता रसोई वाला दूसरा हिस्सा निर्मोही अखाड़ा को दिया गया और बाकी बचा हुआ तीसरा हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया गया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले को हिन्दू महासभा और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी. 9 मई 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने पुरानी स्थिति बरकरार रखने का आदेश दे दिया, तब से यथास्थिति बरकरार है.



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