इलाहाबाद में भी हो सकता है नोएडा जैसा हादसा, मानकों की अनदेखी कर खुलेआम बन रही हैं बिल्डिंग्स
राजबब्बर ने कहा कि रियल इस्टेट रेगुलेशन एक्ट (रेरा) को प्रदेश सरकार सख्ती से लागू नहीं कर रही है. जिसका दुष्परिणाम यह है कि ग्रीन बेल्ट क्षेत्र घोषित होने के बावजूद बिल्डर और प्रशासन की आपसी मिलीभगत के चलते मानकों के विपरीत इस तरह की इमारतें बन रही हैं, इससे सरकार और बिल्डरों के बीच सांठगांठ जाहिर होती है.
उन्होंने कहा कि प्रशासन की नाकामी के कारण समय से राहत कार्य शुरू नहीं हो पाया. यही कारण है कि रात्रि में साढे आठ बजे की घटना होने के बावजूद सुबह एनडीआरएफ की टीम वहां पहुंची. यदि यह रात्रि में ही पहुंचती तो लोगों की जान बचाई जा सकती थी.
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उन्होंने कहा कि शाहबेरी में ज्यादातर इलाका ग्रीन बेल्ट में आता है लेकिन वहां कैसे बिल्डर निर्माण करा रहे हैं, यानी कहीं न कहीं बिल्डर लॉबी को सरकार का संरक्षण है. योगी सरकार ने एनसीआर में 50 हजार फ्लैट खरीददारों को राहत दिलाने के लिए तीन मंत्रियों की एक कमेटी बनाई थी तब कहा था कि तीन महीने में फ्लैट पर कब्जा मिल जाएगा लेकिन आज तक कब्जा उन खरीददारों को नहीं मिल पाया है. इससे लगता है कि बिल्डर लॉबी के आगे सरकार नतमस्तक हो गई है.
राजबब्बर ने मांग की है कि इस दुःखद घटना की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए और इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सरकार कठोर कदम उठाए.
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गौरतलब है कि गौतमबुद्धनगर (ग्रेटर नोएडा) के शाहबेरी क्षेत्र में निर्माणाधीन छह मंजिला इमारत के बगल की चार मंजिला इमारत पर गिरने से मलबे में दबकर चार लोगों की मृत्यु हो गई और कई लोग घायल हो गए.