नोएडा : ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में दो इमारतें जमींदोज़ हो गईं. एक निर्माणाधीन बिल्डिंग दूसरी बिल्डिंग पर गिर गई. इस हादसे में करीब 9 लोगों के मारे जाने की खबर अब तक आई है. इसी हादसे की एक पीड़ित की कहानी दिल दहला देने वाली है. रंजना को मंगलवार की रात फोन पर अपने पति रजनीश भौमाली (36) से बात करते समय इस बात का बिल्कुल भी एहसास नहीं था कि वह अपने पति से अंतिम बार बात कर रही है.


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रजनीश ने उसे यह बताने के लिए फोन किया था कि वह मंगलवार शाम अपने घर नहीं लौट पाएगा. ग्रेटर नोएडा में मंगलवार रात इमारत ढहने के बाद उसमें मरने वाले चार लोगों में से एक रजनीश ने अपनी पत्नी को बताया था कि उसने अपना काम पूरा नहीं किया है इसलिए वह मंगलवार को यहीं रुक कर बुधवार शाम घर लौटेगा.


लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.बुधवार को दो बच्चों की मां रंजना की आंख ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में दो इमारतों के ढहने की खबर के साथ खुली.


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किसी अनहोनी की आशंका से परेशान होकर वह भागी-भागी सी घटनास्थल पहुंच कर अपने पति को तलाशने लगी. उसने अपने पति का फोन मिलाया था जो लग नहीं रहा था.


जैसे ही उसने वह धराशायी इमारत देखी जहां रात में रजनीश ने रुकने के लिए कहा था, वह बेहोश हो गई. होश आने पर उसके परिजनों ने पुष्टि कर दी कि मलबे में से बरामद तीन शवों में से एक शव उसके पति का है.


रंजना के रिश्ते के भाई और पास की इमारत में राजमिस्त्री का काम करने वाले संजय ने बताया, "हम अस्पताल गए और उनके हाथ पर बने टैटू को देखकर उनकी शिनाख्त की. उनका शव बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गया था."


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रजनीश पूर्वी दिल्ली में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था.


उदास संजय ने कहा, "उन्होंने दिन का काम खत्म नहीं किया था इसलिए वे वहीं रुक गए. उन्होंने सोचा कि वे इसे मंगलवार रात या बुधवार तड़के पूरा कर लेंगे. इस घटना का किसने सोचा था."


रजनीश के परिजनों ने बताया कि रजनीश कुछ सालों पहले पश्चिम बंगाल के मालदा से यहां आकर रहने लगा था.