गोरखपुर मेट्रो प्रोजेक्ट को अगले महीने मिलेगा ग्रीन सिग्नल, दो रूट पर भरेगी फर्राटा
बहुत जल्द ही गोरखपुर में मेट्रो ट्रेन फर्राटा भरती नजर आ सकती है. माना जाता है कि मेट्रो परियोजना सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है.
गोरखपुरः सीएम सिटी के लोगों का मेट्रो में सफर करने का सपना जल्द ही पूरा होगा. गोरखपुर मेट्रो प्रोजेक्ट को अगले माह ग्रीन सिग्नल मिल जाएगा. इसके लिए अगले माह राजधानी लखनऊ में बैठक होगी. गोरखपुर मेट्रो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है. इसे अमलीजामा पहनाने के लिए कई दौर की बैठक हो चुकी है. हालांकि रूट को लेकर मामला काफी दिनों तक खिंचता चला गया. लेकिन अब ये तय हो चुका है कि गोरखपुर मेट्रो दो रूट पर फर्राटा भरेगी.
गोरखपुर महानगर में लाइट मेट्रो प्रोजेक्ट पर जल्द ही मुहर लग जाएगी. इस प्रोजेक्ट को लेकर लखनऊ में 12 जुलाई को मेट्रो कारपोरेशन की अहम बैठक होने जा रही है. इसमें गोरखपुर के कमिश्नर जयंत नार्लीकर और डीएम के. विजयेन्द्र पाण्डियन भी शामिल होंगे. उम्मीद है कि बैठक के बाद महानगर के लिए लाइट मेट्रो (दो बोगी वाली मेट्रो) प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल जाएगी. लखनऊ की तर्ज पर गोरखपुर में मेट्रो के लिए हुए सर्वे में फिजिबिलिटी न मिलने की वजह से यहां लाइट मेट्रो बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है.
उसी प्रस्ताव पर 12 जुलाई को लखनऊ में मेट्रो कारपोरेशन की अहम बैठक होने जा रही है. शहर में दो बोगी वाली मेट्रो में एक साथ 400 लोग सवारी कर सकेंगे. ये लाइट मेट्रो पिलर पर चलेगी. गोरखपुर मेट्रो के संचलन के लिए 4800 करोड़ रुपए खर्च होंगे. 2041 की संभावित जनसंख्या के आधार पर इस प्रस्ताव को तैयार किया जा रहा है. इस समय गोरखपुर शहर की जनसंख्या करीब 14 लाख है. साल 2041 में ये आंकड़ा 23 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है.
दो रूट श्यामनगर से सूबाबाजार तक 16.95 किमी के लिए प्रस्तावित पहले कॉरिडोर में मेट्रो के 16 स्टेशन बनाए जाएंगे. इसी तरह गुलरिहा से कचहरी चौक तक 10.46 किमी के दूसरे कॉरिडोर पर 11 मेट्रो स्टेशन प्रस्ताव है. राइट्स का मानना है कि जहां से मेट्रो गुजरेगी उस एरिया का व्यावसायिक इस्तेमाल हो सकेगा. दो स्टेशनों की दूरी बमुश्किल 700 से 1200 मीटर तक की होगी. यात्रियों को मेट्रो पकड़ने के लिए ज्यादा दूर तक न जाना पड़ेगा.
मेट्रो के पहले कॉरिडोर के लिए सूबाबाजार और दूसरे के लिए मोगलहा में डिपो बनाया जाएगा. पिलर पर चलने के कारण इसके निर्माण की लागत भी कम होगी. मेट्रो ट्रैक के दोनों तरफ 500 मीटर तक कोई भी व्यक्ति जितनी ऊंचाई तक चाहे निर्माण करा सकता है. बदले मे उसे कुछ सालाना शुल्क जमा करना होगा. मेट्रो रेल ट्रांजिट सिस्टम पर काम करेगी. एक बार में मेट्रो की दोनों बोगियों में 400 यात्री सफर कर सकेंगे. मेट्रो मैन के नाम से मशहूर ई. श्रीधरन ने पिछले साल इस प्रोजेक्ट को लेकर गोरखपुर का दौरा किया था.