लखनऊ: उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्रों का आंदोलन तेज़ होता जा रहा है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी तक शिक्षामित्रों प्रदर्शन कर रहे हैं. गोरखपुर में अपनी मांगों के लिए शिक्षा मित्र प्रदर्शन कर रहे थे तो पुलिस ने न सिर्फ शिक्षा मित्रों पर लाठियां बरसाईं बल्कि दो दर्जन शिक्षा मित्रों को हिरासत में भी ले लिया.


क्यों नाराज हैं शिक्षा मित्र


दरअसल 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था. कोर्ट ने शिक्षा मित्रों को शिक्षक भर्ती की औपचारिक परीक्षा में बैठने का आदेश दिया है. उन्हें ये परीक्षा ज्यादा से ज्यादा दो बार में पास करने को भी कहा गया है. शिक्षा मित्र इस फैसले के खिलाफ पूरे प्रदेश में आंदोलन कर रहे हैं.



इलाहाबाद में मौर्य के घर के बाहर प्रदर्शन


इलाहाबाद में शिक्षा मित्रों ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के घर के बाहर प्रदर्शन किया. एक हजार से ज़्यादा शिक्षामित्र तेज बारिश में भी मौर्य के घर के बाहर नारेबाजी करते रहे. करीब डेढ़ घंटे बाद अफसरों ने किसी तरह समझा-बुझाकर शिक्षामित्रों को वापस भेजा. इस दौरान पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था.



लखनऊ में सीएम योगी से लगाई गुहार


शिक्षा मित्रों ने यूपी की राजधानी लखनऊ में भी धरना-प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की गुहार लगाई है. वहीं, पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पूर्वांचल के हजारों शिक्षा मित्रों ने पीएम के संसदीय कार्यालय के पास प्रदर्शन करके अपना विरोध जताया. पुलिस ने उन्हें संसदीय कार्यालय तक नहीं जाने दिया तो आंदोलनकारियों ने चक्काजाम भी कर दिया.


मुरादाबाद में भी हजारों शिक्षा मित्र अपनी मांगों के समर्थन में सड़कों पर उतरे. जिससे कई जगह लंबा जाम भी लग गया.