राजस्थान गुर्जर आंदोलन: 14 ट्रेनें रद्द और कई डायवर्ट, 5 फीसदी कोटे की 14 सालों से कर रहे हैं मांग
शुक्रवार को राजस्थान में गुर्जर आंदोलन के कारण सवाई माधोपुर और बयाना जंक्शन रेल सेक्शन के बीच रेल यातायात प्रभावित थी. इसका असर दिल्ली-मुंबई रूट पर चलने वाली ट्रेनों पर देखा गया.
जयपुर: राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर समाज आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहा है. जिसकी वजह से कई जगहों पर यातायात पूरी तरह ठप है. इसका असर ट्रेनों पर भी देखा जा रहा है. कोटा डिविजन में 14 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और कई को डायवर्ट किया गया है. आंदोलनकारी मकसूदनपुरा गांव के पास ट्रेन की पटरियों पर बैठे हैं.
जिन ट्रेनों को रद्द किया गया?
1. देहरादून एक्सप्रेस (19020) - देहरादून से बांद्रा टर्मिनस (BTDS) तक 2. निज़ामुद्दीन एक्सप्रेस (12415) (इन्दौर - दिल्ली इंटरसिटी) 4. बांद्रा-लखनऊ एक्सप्रेस (19021) 5. निज़ामुद्दीन गरीबरथ (12909) - बांद्रा से निज़ामुद्दीनशुक्रवार को राजस्थान में गुर्जर आंदोलन के कारण सवाई माधोपुर और बयाना जंक्शन रेल सेक्शन के बीच रेल यातायात प्रभावित थी. इसका असर दिल्ली-मुंबई रूट पर चलने वाली ट्रेनों पर देखा गया.
गुर्जर नेता किरौड़ी सिंह बैंसला शुक्रवार शाम अपने समर्थकों के साथ सवाई माधोपुर में रेलपटरी पर बैठ गए. राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों से बातचीत के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है जो गुर्जर नेताओं से बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास करेगी.
गुर्जर नेताओं ने शुक्रवार को मलारना डूंगर (सवाई माधोपुर) के पास चौहानपुरा मकसूदनपुरा में महापंचायत की. इसके बाद बैंसला अपने समर्थकों के साथ मलारना डूंगर के पास दिल्ली-मुंबई रेल लाइन पर बैठ गए. पटरी पर बैठने के बाद बैंसला ने कहा कि यह आर पार की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अपने वादे पर खरा उतरना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘हालात बदल गए हैं, इस बार हम चूकेंगे नहीं.’’ गुर्जर नेता अपनी मांग के समर्थन में रेल व सड़क मार्गों को अवरुद्ध करने की चेतावनी दे चुके हैं.
Members of Gujjar community sitting on railway track in Maksudanpura of Sawai Madhopur in protest as part of reservation movement say "We have good CM&a good PM. We want that they listen to the demands of Gujjar community. It isn't an uphill task for them to provide reservation." pic.twitter.com/lM4TDF7WRh
— ANI (@ANI) February 9, 2019
राज्य में गुर्जरों का आंदोलन का मुद्दा 14 साल से चल रहा है. गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका-रेबारी, गडिया लुहार, बंजारा और गडरिया समाज के लोगों को 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है. इस समय अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जर को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है.
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सूत्रों ने बताया कि आंदोलन शुरू होते ही सक्रिय हुई सरकार ने मंत्रियों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है. इसमें चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और समाज कल्याण मंत्री भंवर लाल मेघवाल को शामिल किया गया है. इसमें कुछ आला अधिकारियों को भी शामिल किया गया है. समिति आंदोलनकारियों से बातचीत कर समाधान निकालने की कोशिश करेगी.
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने पहले भी उनकी बात सुनी थी और अब भी सुनेगी. गहलोत ने कहा ''सरकार समाधान के लिए बेहद गंभीर है और राज्य सरकार के स्तर पर गंभीर प्रयास किया गया है, राज्य सरकार गुर्जर नेताओं से बातचीत करने को तैयार है. कांग्रेस सरकार ने पहले भी उनकी बात सुनी थी और अब भी सुनेगी. मेरी उनसे शांति बनाए रखने की अपील है.''
गुर्जर आंदोलन का असर गुर्जर बहुल इलाकों से गुजरने वाली ट्रेन सेवाओं पर पड़ने लगा है. शुक्रवार शाम को निजामुद्दीन-बांद्रा, आंध्र लखनऊ अवध एक्सप्रेस और रतलाम-मथुरा ट्रेन सहित सात गाडियों के मार्ग में बदलाव किया गया है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे गुर्जर बहुल जिलों पर करीबी निगाह रखे हुए हैं.
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भरतपुर के पुलिस महानिरीक्षक भूपेंद्र साहू ने बताया कि रेंज में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की 17 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गयी हैं इनमें आरएसी की कंपनियां शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इलाके में पहले से ही तैनात रहे कुछ अनुभवी अधिकारियों को भी फौरी तौर पर बुलाया गया ताकि हालात पर नियंत्रण बनाए रखा जा सके.