लॉकडाउन के दौरान केंद्र से लेकर राज्य सरकारों को भारी आर्थिक नुकसान को सामना करना पड़ा है. गुजरात सरकार राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई के लिये पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधनों पर मूल्य वर्धित कर (वैट) बढ़ाने पर विचार कर रही है. गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने इस बात की जानकारी दी.


गुजरात सरकार अभी पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर 21 प्रतिशत कर वसूल करती है. इसमें 17 प्रतिशत वैट और चार प्रतिशत उपकर है. पटेल ने कहा कि गुजरात में वैट की दरें और ईंधनों की कीमतें, दोनों देश में सबसे कम हैं.


उन्होंने कहा, ''हमने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के संग्रह में गिरावट के कारण महत्वपूर्ण राजस्व खो दिया है, क्योंकि लॉकडाउन के कारण व्यवसाय बंद थे. हमने लॉकडाउन से प्रभावित लोगों के लिये राहत पैकेज जारी करने में अतिरिक्त व्यय भी किया है.''


डिप्टी सीएम ने बताया, ''गुजरात में ईंधन की कीमतें देश में सबसे कम हैं, क्योंकि हमारा वैट भी सबसे कम है. कुछ विशेषज्ञों ने वैट को बढ़ाने और इसे अन्य राज्यों के बराबर लाने का सुझाव दिया है. इससे हमें कोरोना वायरस से लड़ने के साथ-साथ अतिरिक्त व्यय की भरपाई करने में मदद मिलेगी.'' हालांकि उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.


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