हाजीपुर: बिहार के हाजीपुर में दिनदिहाड़े पटना के बड़े कारोबारी और बीजेपी नेता गुंजन खेमका की हत्या के बाद बिहार की कानून-व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं. विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है तो सरकार में सहयोगी दल बीजेपी भी इसे पुलिस के लिए चुनौती बता रही है. हालांकि पुलिस अभी अपराधियों तक नहीं पहुंच पाई है इसलिए अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है.


घटना को उस वक्त अंजाम दिया गया जब गुंजन हाजीपुर इंडस्ट्रियल इलाके में अपनी फैक्ट्री पहुंचे थे. गुंजन की गाड़ी जैसे ही फैक्ट्री की गेट पर पहुंची, पहले से ही घात लगाकर बैठे अपराधी ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इस घटना में गुंजन खेमका की मौत हो गई है जबकि उनका ड्राइवर गोलीबारी में घायल हुआ है. घटना की जानकारी मिलते ही पटना में खेमका परिवार में हाहाकार मच गया. शहर के जाने-माने कारोबारी और बीजेपी नेता होने की वजह से परिवार को ढांढस बंधाने के लिए लोगों का तांता लगा रहा. गुंजन खेमका कारोबारी होने के साथ ही बीजेपी के लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक भी थे. घटना की जानकारी मिलते ही घर पर बीजेपी नेताओं का जमावड़ा लग गया. बीजेपी नेता घटना के बाद सरकार से जल्द से जल्द अपराधियों की गिरफ्तारी और कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.


घटना के बाद से ही परिवार में शोक की लहर है, परिवार का कोई भी सदस्य बात करने की स्थिति में नहीं है. गोपाल खेमका पटना के बड़े कारोबारी हैं जो हॉस्पिटल, स्कूल, फैक्ट्री समेत तमाम क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं. दो बेटों में गुंजन बड़ा बेटा था, रुई की फैक्ट्री चलाने के साथ ही बीजेपी का सक्रिय युवा नेता था. घटना के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि गेट पर पहले से ही बिना नंबर की बाइक पर एक युवक हेलमेट पहने बैठा था और जैसे ही गुंजन की गाड़ी गेट पर पहुंची अपराधी ने गुंजन पर 9mm की पिस्टल से तीन गोलियां दागीं और मौके से फरार हो गया. घटना के बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है और एसपी की रिक्वेस्ट पर हाल ही में स्थानांतरित अधिकारियों को स्पेशल डेपुटेशन पर वापस बुलाया गया है ताकि उनकी भी मदद ली जा सके.


दरअसल गुंजन खेमका को पहले भी धमकियां मिल चुकी थीं जिसके बाद 2016 में इन्हें सुरक्षा गार्ड भी मुहैया कराया गया था. लेकिन फिलहाल सुरक्षा वापस ले ली गई थी पटना पुलिस इस बात की भी समीक्षा करेगी कि गुंजन को किन-किन लोगों से जान का खतरा था और कौन इस घटना में शामिल हो सकते हैं. गुंजन को इसी साल जुलाई महीने में कुछ धमकी भरे फोन कॉल आये थे जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस से की थी. हालांकि उस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई और अभी तक उस धमकी वाले फोन कॉल्स की जांच चल ही रही है.


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