बिहार: अब हाजीपुर शेल्टर होम में लड़कियों के साथ यौन दुर्व्यवहार, परियोजना प्रबंधक गिरफ्तार
जांच रिपोर्ट में आरोप सही पाए जाने पर डीएम के आदेश के बाद हाजीपुर के अल्पावास गृह में संवासिनों के साथ यौन दुर्व्यवहार के मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है.
पटना: मुजफ्फरपुर के बाद अब बिहार के हाजीपुर के शेल्टर होम में बच्चियों में साथ छेड़खानी और मारपीट के आरोप में हाजीपुर के जिला परियोजना प्रबंधक मनमोहन प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया गया है. मनमोहन प्रसाद के साथ ही अल्पावास गृह की प्रबंधक करुणा कुमारी समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. यहां रहने वाली लड़कियों ने यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था.
बिहार की राजधानी पटना से सटे हाजीपुर जिले में ‘निदान’ संस्था की ओर से संचालित अल्पावास में रहने वाली बच्चियों ने महिला विकास निगम के ज़िला परियोजना प्रबंधक पर यौन दुर्व्यवहार और मारपीट के गम्भीर आरोप लगाए थे. पिछले महीने ही सरकार के आदेश के बाद हाजीपुर अल्पावास गृह में रह रही लड़कियों को समस्तीपुर के अल्पावास गृह में शिफ़्ट किया जाना था लेकिन इस दौरान वहां रहने वाली लड़कियों ने जिला परियोजना प्रबंधक पर कई गम्भीर आरोप लगाए. इसके बाद हाजीपुर के डीएम ने इन आरोपों की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की थी.
जांच रिपोर्ट में आरोप सही पाए जाने पर डीएम के आदेश के बाद हाजीपुर के अल्पावास गृह में संवासिनों के साथ यौन दुर्व्यवहार के मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है. लड़कियों से यौन दुर्व्यवहार और मारपीट करने के आरोप में मनमोहन प्रसाद (जिला परियोजना प्रबंधक) जबकि घटना की जानकारी होने के बावजूद लापरवाही बरतने के आरोप में अल्पावास गृह की प्रबंधक करूणा कुमारी, प्रियंका कुमारी (जिला परियोजना प्रबन्धक, महिला हेल्प लाइन), अमन कुमार (डाटा ऑपरेटर) और कार्तिक़ेय कुमार (महिला हेल्प लाइन के काउन्सलर) पर मामला दर्ज हुआ है. इनमें से मनमोहन प्रसाद को गिरफ़्तार कर लिया गया है जबकि बाकी आरोपी अभी फ़रार हैं.
जानकारी के मुताबिक बीते 20 जुलाई को हाजीपुर अल्पावास गृह में रह रही लड़कियों ने मनमोहन प्रसाद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. लड़कियों का आरोप था कि जांच के नाम पर मनमोहन प्रसाद अल्पावास गृह आकर लड़कियों के साथ अश्लील हरकत करते थे और मुंह खोलने पर उन्हें जान से मारने की धमकी देते थे. पीड़ित लड़कियों ने ये भी आरोप लगाया था कि आरोपी अधिकारी अकेले कमरे में आ जाते थे और हाथ पैर दबाने के लिए दबाव बनाते थे. फिर लड़कियों के साथ अश्लील हरकत करते थे. एक लड़की ने ये भी दावा किया था कि छेड़खानी से मना करने पर जिला परियोजना प्रबंधक ने उसके कपड़े भी फाड़ दिए थे.