हमीरपुर: यूपी के हमीरपुर जिले में बीजेपी महिला विधायक मनीषा अनुरागी के एक मंदिर में प्रवेश पर एक बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया. महाभारत कालीन धूम ऋषि के मंदिर में सदियों से महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित था और महिलाएं यहां कभी भी दर्शन के लिए अन्दर नहीं गई. महिला विधायक के दर्शन करने के बाद ग्रामीणों ने मन्दिर को गंगा जल से धुलवाकर शुद्ध किया और धूम ऋषि की प्रतिमा को इलाहाबाद संगम में ले जाकर स्नान करा कर शुद्धिकरण किया. ग्रामीणों की मान्यता है की अगर धोखे से भी कोई महिला मंदिर के अन्दर पहुंच कर धूम ऋषि के दर्शन कर लेगी तो धूम ऋषि रुष्ट हो जाएंगे और क्षेत्र में दैवीय आपदाएं आ जाएंगी.


पांड्वो के गुरु धूम ऋषि के इस मंदिर में बने ऋषि के आश्रम में रुक कर पांचों पांड्वों ने अपनी मां कुंती और अपनी पत्नी द्रौपदी के साथ अज्ञात वास का समय काटा था, लेकिन धूम ऋषि ने कभी भी कुंती और द्रौपदी को अपनी कुटिया में नहीं आने दिया था.



ऋषि के यहां से जाने के बाद ग्रामीणों ने यहां एक छोटे से मंदिर का निर्माण कर दिया और महिलाओं का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया, मान्यता यह भी है की इस मंदिर पर श्रद्धा के साथ आए श्रद्धालु की हर मुराद पूरी होती है. इसी के चलते यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. पुरुष तो मंदिर के अन्दर दर्शन के लिए जाते हैं पर महिलाओं को सिर्फ बाहर से दर्शन करने की इजाजत है.


हमीरपुर जिले के मुस्करा खुर्द गांव में महाभारत कालीन धूम ऋषि का आश्रम स्थित है. इसी गांव में स्थित सरकारी स्कूल में बच्चों के ड्रेस वितरण के कार्यक्रम में राठ विधान सभा की बीजेपी विधायक मनीषा अनुरागी भी पहुंची थीं लेकिन उन्होंने ने कार्यक्रम के बाद मंदिर में जाकर दर्शन कर लिए.

इस बात की जानकारी जब गांव में फैली तो ग्रामीण आक्रोशित हो गए और अनहोनी की आशंका से परेशान होकर ग्रामीणों ने पंचायत कर मंदिर की मूर्ति को इलाहबाद में संगम ने स्नान करवाया. इसके बाद मंदिर का गंगा जल से शुद्धिकरण कर पूजा अर्चना की. ग्रामीणों की मानें तो महिला विधायक के मंदिर में जाने के बाद से गांव का माहौल ख़राब हो गया था. बारिश भी नहीं हो रही थी लेकिन जब से उन्होंने मंदिर का शुद्धिकरण किया है, क्षेत्र में अच्छी बारिश हो रही है. वहीं इस मामले में राठ महिला बीजेपी विधायक ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है.

इस मामले पर मंदिर के पूजारी का कहना है कि जिस समय विधायक दर्शन के लिए मंदिर में गई मैं वहां नहीं था, अगर होता तो इसकी इजाजत नहीं देता.