हमीरपुर: यूपी के हमीरपुर से मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है जहां एक बूढे बाप को अपने बेटे का शव रिक्शे पर ढोना पड़ा. दरअसल अस्पताल का शव ढोने वाला वाहन खराब था जिसके कारण गरीब बाप को ये दिन देखना पड़ा. मामला सामने आने पर अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं.
दरअसल इस वृद्ध के बेटे की अचानक तबियत खराब हुई, आनन फानन में परिजन उसे सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. अस्पताल से शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाने के लिए उसे शव वाहन नहीं मिला. मजबूरन उसे एम्बुलेंस वाले को 500 रुपये देकर शव को पीएम हाउस पहुंचाना पड़ा और पीएम हाउस से शव शमशान तक भेजने के लिए उससे और 500 रुपयों की मांग की गई. पैसे न होने के चलते वृद्ध पिता को अपने बेटे का शव रिक्शे में रख कर शमशान पहुंचाना पड़ा.
मामला हमीरपुर जिला मुख्यालय का है जहां मौदहा कोतवाली क्षेत्र के निवासी गयाराम के 32 वर्षीय बेटे हरिशंकर की अचानक तबियत खराब हो गई. परिजन उसे सामुदायिक केंद मौदहा लाये लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे हमीरपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
आरोप है कि एंबुलेंस वाले ने शव को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाने के लिए 500 रुपये लिए इसके बाद शमशान पहुंचाने के लिए भी 500 रुपये मांगे. गयाराम के पास पैसे नहीं थे लिहाजा वे रिक्शे में अपने बेटे के शव को शमशान ले गए.
जिला अस्पताल हमीरपुर के सीएमएस पीएन गोयल ने कहा कि शव वाहन खराब पड़ा है. उन्होंने बताया कि जिले में दो शव वाहन हैं जिनमें से एक जिला अस्पताल में है और दूसरा राठ सीएचसी में है. हालांकि एंबुलेंस द्वारा पैसे मांगे जाने के सवाल को उन्होंने टाल दिया.