Exclusive: हापुड़ लिंचिंग केस में समीउद्दीन का खुलासा- भीड़ से डर कर भाग गई थी पुलिस
18 जून को हापुड़ में गौहत्या के शक में भीड़ ने कासिम की हत्या कर दी थी. कासिम के साथ समीउद्दीन को पीटा गया. 10 दिन समीउद्दीन ICU रहे, अब ICU से बाहर आ गए हैं लेकिन अभी भी हॉस्पिटल में हैं. समीउद्दीन ने बातचीत में कई बड़े खुलासे किए हैं.
नई दिल्ली: 18 जून को हापुड़ में गौहत्या के शक में भीड़ ने कासिम की हत्या कर दी थी. कासिम के साथ समीउद्दीन को पीटा गया. 10 दिन समीउद्दीन ICU रहे, अब ICU से बाहर आ गए हैं लेकिन अभी भी हॉस्पिटल में हैं. समीउद्दीन ने बातचीत में कई बड़े खुलासे किए हैं.
समीउद्दीन ने बताया कि एक हॉस्पिटल ने तो उन्हें एडमिट करने से भी मना कर दिया था. उन्होंने कहा,"मारने वालों में नाबालिग ज़्यादा थे. ज़बरदस्ती भीड़ ये बात कहलवाना चाह रही थी कि हमने गाय काटी है. जब यूपी पुलिस की डायल 100 वैन मौके पर आई तो भीड़ उस पर भी टूट पड़ी. भीड़ इतनी उग्र थी कि उन्हें वहां से भागना पड़ा."
समीउद्दीन ने बताया," मैं अपने घर से जंगल की तरफ चारा लेने गया था. मैंने देखा कासिम जो बकरी वगैरह खरीदता है, देखा कि लोग उसे पीट रहे हैं. मैंने विरोध किया लेकिन भीड़ ने बोला कि तू इसका पक्ष ले रहा है. फिर भीड़ ने दोनों को पीटना शुरू कर दिया. कासिम का मुझे पता नहीं रहा. भीड़ मुझे खदेड़ कर देवी मंदिर ले गयी. लाठी, डंडे बल्ली, घूंसे लात से पीटा गया. हर जगह चोट लगी. डेढ़ घण्टे तक धूप में डाले रखा."
उन्होंने कहा," गाय को मैंने नहीं देखा. मैंने लोगों को कासिम को पीटते हुए देखा जिसका मैंने विरोध किया, फिर वो लोग मुझे भी लिपट गए. बड़े लोग कम थे. 17, 18 और 19 साल के लड़के बहुत थे. ऐसा लग रहा था जैसे कोई प्लानिंग थी."
क्या कासिम को जानते थे? इसके जवाब में समीउद्दीन ने कहा कि वो कासिम को इतना ही जानते थे कि वो मवेशी खरीदता था.
पुलिस ने इस घटना में रोड रेज का मामला दर्ज किया था. जब हमने समीउद्दीन से पूछा कि क्या रोड रेज जैसी कोई घटना वहां हुई? इसके जवाब में समीउद्दीन ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि वहां कोई सड़क नहीं है. कच्ची सड़क है. ऐसा कोई मामला नहीं था. वहां कोई दुपहिया वाहन वाला आता ही नहीं. कभी-कभी किसान चारा आदि लेने आने के लिए बाइक का इस्तेमाल करते थे.
समीउद्दीन ने बताया कि पीटने वालों के पास देसी कट्टा भी था. देवी मंदिर पर भी मारपीट की गयी. वहां हम बेहोश हो गए.
समीउद्दीन की भी एक वीडियो वायरल हो रही थी जिसमें वो गाय का ज़िक्र कर रहे हैं इस वीडियो के बारे में उन्होंने बताया कि भीड़ ज़बरदस्ती कहलवाना चाह रही थी कि कहो कि गाय काट रहे थे. उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि ज़्यादा होश नहीं था लेकिन जब हम देवी मंदिर के पास पड़े थे कोई आदमी कह रहा था कि 100 नम्बर आयी है तो वो लोग 100 नम्बर पुलिस वैन पर टूट पड़े और पुलिस वहां से भाग खड़ी हुई. फिर CO वहां आए थे. मुझे कासिम का पता नहीं भीड़ उसको कहाँ ले गयी.
समीउद्दीन ने बताया कि कासिम को मैंने बोलते हुए नहीं सुना. जिस जगह से पीटना शुरू किया वहां से 5-6 आदमियों ने वहां से खींचना शुरू किया. वहां से 200 मीटर दूर देवी मंदिर वहां तक घसीटते ले गए. मैंने वहां से नहीं देखा कि कासिम को कहाँ ले गए.
समीउद्दीन ने बताया," मुझे जीप में डालकर ले गए. मैंने सुना कि किसी हॉस्पिटल में ले गए. वहां हॉस्पिटल ने भर्ती करने में आनाकानी की. फिर मुझे वहां से पता नहीं कहाँ ले गए. मैं चाहता हूं कि जिन लोगों ने नाजायज़ हमें पीटा गया उनके के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाई की जाई ताकि उसके बाद कोई गरीब ऐसा नहीं पीटा जाए."
समीउद्दीन ने बताया कि मेरे गुर्दे, फेफड़े, दोनों टांगों में, पसलियों में फ्रैक्चर हैं. सिर में भी टांके लगे हैं. मेरे शरीर का कोई हिस्सा ऐसा नहीं जहां चोट नहीं लगी है. समीउद्दीन ने प्रशासन से मांग की है कि इस केस को पुलिस ना घुमाये. वहां कोई सड़क नहीं है. ये मामला बहाने (गौ हत्या के आरोप में) से मारने का है.