हरियाणा के लोक कलाकार ताराचंद की अगुवाई वाली यह टोली कुंभ मेले में बीन और डमरू बजाकर मंदिर निर्माण की मांग कर रही है. इस टोली का मानना है कि मंदिर मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह सोई हुई है, इसलिए उसे नींद से जगाने के लिए बीन बजाई जा रही है. सरकार की नींद तोड़ने के लिए ही बीन के साथ ही डमरू व दूसरे वाद्य यंत्र भी बजाए जा रहे हैं.
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बीन व डमरू बजाने वाले ये कलाकार पूरे कुंभ मेले में दिन भर घूमते रहते हैं. जहां भी यह खड़े होते हैं, इनकी बीन की धुन व डमरू की आवाज़ सुनने के लिए लोगों की खासी भीड़ इकट्ठी हो जाती है. भीड़ जुटने के बाद यह मंदिर निर्माण के लिए गीत भी गाते हैं और भीड़ में शामिल लोगों से सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करने की अपील करते हैं.
राम मंदिर निर्माण के लिए बीन बजाकर सरकार को जगाने का हरियाणा के कलाकारों का यह अंदाज़ कुंभ मेले में आए लोगों को काफी पसंद आ रहा है. इनकी बीन व डमरू की धुन इतनी शानदार होती है कि जिसकी आवाज़ पड़ते ही लोग खुद ब खुद रुक जाते हैं.
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राम मंदिर पर मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक
2019 लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या के विवादित राम मंदिर-बाबरी मस्जिद को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर कहा है कि विवादित जमीन छोड़कर बाकी बची जमीन मालिकों को वापस लौटाई जाए.
केंद्र ने कहा है कि 67 एकड़ जमीन गैर विवादित है और इसे राम जन्मभूमि न्यास को लाटौई जाए. बाकी के बचे 0.313 एकड़ जमीन जो विवादित है इसपर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करे.
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केंद्र सरकार का कहना है कि वह गैर विवादित जमीन मूल मालिकों को लौटाना चाहती है. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से यथास्थिति रखने का आदेश वापस लेने की मांग की है. गैरविवादित जमीन में से ज्यादातर जमीन रामजन्मभूमि न्यास की है. ऐसी संभावना है कि अगर सुप्रीम कोर्ट केंद्र की मांग पर हामी भर देती है तो राम मंदिर का निर्माण शुरू हो सकता है.