मेरठ: हाशिमपुरा नरसंहार पर भले ही 31 साल फैसला आया हो, लेकिन चुनाव से पहले माहौल बनाने के लिए बीजेपी ने आजाद देश के इतिहास की सबसे बड़ी ‘कस्टोडियल किलिंग’ पर सवाल खड़े कर दिये है. बीजेपी का कहना है कि जब निचली अदालत से सभी बरी हो गये तो हाईकोर्ट ने 16 के 16 आरोपियों को आखिर कैसे गुनाहगार साबित कर दिया. किसी का दोष 10 फीसदी कम या ज्यादा भी तय नही हुआ. यह कैसे संभव है?
हाशिमपुरा पर हाईकोर्ट का फैसले के कई पीड़ित परिवार मुन्तजिर थे. 1987 में दंगों के दौरान हुए इस नरसंहार की सियासी तपिश 2019 लोकसभा चुनाव में कईयों के भाग्य बना सकती है. इस कड़ी में पहला कदम बीजेपी ने बढ़ाया है. मेरठ शहर विधानसभा से कई बार विधायक रहे बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांत वाजपेई ने हाशिमपुरा नरसंहार पर सवाल खड़ा किया है. हाशिमपुरा वाजपेई के विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है.
लक्ष्मीकांत वाजपेई ने कहा है कि हाईकोर्ट के फैसले पर एक प्रश्न पैदा हो रहा है. घटनाक्रम कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल का है और इस मामले की जांच दिल्ली ट्रांसफर हुई थी. निचली अदालत से सभी आरोपी बरी हुए और हाईकोर्ट ने सभी को दोषी साबित करके सजा सुना दी. किसी का भी दोष कम ज्यादा भी नहीं आंका गया. जनता जानना चाहती है कि हाईकोर्ट ने निचली अदालत पर टिप्पणी की या नहीं, अगर नहीं तो फैसले पर प्रश्न चिह्न है.
लक्ष्मीकांत वाजपेई ने कहा कि आमतौर पर जो तथ्य और सबूत निचली कोर्ट में होते है. अपील में उन्हीं तथ्यों और सबूतों को सामने रखकर हाईकोर्ट फैसला सुनाती है. कोई नया फैक्ट हाईकोर्ट के सामने नहीं जाता इस केस में क्या इस पद्धिति को बदला गया, यह उन्हें नहीं मालूम, लेकिन मेरा पक्ष सार्वजनिक है.
वाजपेई ने कांग्रेस पार्टी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि वह कांग्रेस का कार्यकाल था जब इतने लोगों को नरसंहार में मारा गया. कांग्रेस के राज में ही दंगे हुए थे. इसमें केस भी कांग्रेस के राज में दर्ज हुआ और सभी आरोपी कांग्रेस के राज में ही बरी हुए.
पीड़ित बोले- फिजूल है प्रश्न-कातिल ने हिंदू थे न मुसलमान वो वर्दीवाले थे
हाशिमपुरा नरसंहार में अपने जवान बेटे को खोने वाले मुहम्मद जमालुद्दीन कहते हैं कि हमनें फांके करके चंदे किये तब जाकर इंसाफ का मुंह देख पाये हैं. 31 सालों में हमारी जिंदगी खत्म हो चली है. बहुत दुख भोगे हैं. ऐसे में बीजेपी का यह सवाल फिजूल है. हां वह दौर दंगों का था. लेकिन हमें नहीं मालूम हमारे बेटे का कातिल हिंदू था या मुसलमान. वह वर्दीवाले थे जिन पर हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है. उन्होंने ही उन बेकसूरों को मार डाला. यह मामला सियासी नहीं है. हमारे दिल के जख्म भी देखिये.
हाशिमपुरा नरसंहार: बीजेपी ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर उठाये सवाल, कहा 16 के 16 कैसे दोषी हो गये
एबीपी न्यूज
Updated at:
02 Nov 2018 10:42 AM (IST)
लक्ष्मीकांत वाजपेई ने कहा है कि हाईकोर्ट के फैसले पर एक प्रश्न पैदा हो रहा है. घटनाक्रम कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल का है और इस मामले की जांच दिल्ली ट्रांसफर हुई थी. निचली अदालत से सभी आरोपी बरी हुए और हाईकोर्ट ने सभी को दोषी साबित करके सजा सुना दी. किसी का भी दोष कम ज्यादा भी नहीं आंका गया.
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