किसान चंद्रपाल सिंह ने कहा, "हम ये पानी नहीं पी सकते.मेरी बेटियां जब भी ये पानी पीती हैं, उन्हें उल्टी हो जाती है. पानी में अत्यधिक नमक होने के कारण फसलें भी नष्ट हो रही हैं. अपने परिवार को बोतलबंद पानी पिलाने की मेरी हैसियत नहीं है. मेरी गुजारिशों से अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही और अब मैंने प्रधानमंत्री से अपना और अपनी नाबालिग बेटियों का जीवन खत्म करने की अनुमति मांगी है."
क्षेत्र के अन्य लोग भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं.
एक स्थानीय निवासी राकेश कुमार ने कहा, "पानी इतना खारा है कि जानवर तक ये पानी नहीं पीते. पीने योग्य पानी लाने के लिए हम लोगों को तीन से चार किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ता है."
अधिकारियों से जब इस संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने इस समस्या के प्रति अनभिज्ञता जताई.
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