प्रयागराज: योगी सरकार द्वारा इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किये जाने के फैसले के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि याचिककर्ता को अदालत में चुनौती देने से पहले इस मामले को राज्य सरकार के सामने उठाना चाहिए था. राज्य सरकार इस मामले में जो भी फैसला लेती, उसे हाईकोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती थी. अदालत ने इसी आधार पर पीआईएल को खारिज कर दिया है.
अदालत के इस फैसले से योगी सरकार को बड़ी राहत मिली है. अर्जी में प्रयागराज अर्द्धकुंभ का नाम बदलकर कुंभ किये जाने के फैसले को भी चुनौती दी गई थी. अदालत ने उस मामले में भी याचिकाकर्ता को पहले राज्य सरकार के पास जाने को कहा है. यह अर्जी हाईकोर्ट की ही महिला वकील सुनीता शर्मा की तरफ से दाखिल की गई थी.
मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर और जस्टिस चंद्रधारी सिंह की डिवीजन बेंच में हुई. इस पीआईएल में यूपी की योगी सरकार द्वारा इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किये जाने और अर्द्धकुंभ को कुंभ बताए जाने के फैसले को चुनौती दी गई थी.
अर्जी में कहा गया था कि इलाहाबाद का नाम बदले जाने के मामले में नियमों की अनदेखी की गई है और यूपी सरकार को ऐसा करने का अधिकार भी नहीं है. इलाहाबाद नाम समूची दुनिया में मशहूर है और इस शहर की पहचान इसी नाम से है. इसके अलावा अर्द्धकुंभ का नाम बदले जाने को शास्त्रों के खिलाफ बताया गया है. याचिकाकर्ता का कहना है कि वह इस मामले को अब राज्य सरकार के पास ले जाएंगे और अगर वहां से इंसाफ नहीं मिला तो मामले को फिर से हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे.