ग्वालियर: मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर पीठ ने कांग्रेस महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनकी मां माधवी राजे सिंधिया, बहन चित्रांगदा राजे और कमलाराजा चेरिटेबल ट्रस्ट पर बुधवार को 10 हजार रुपये का अर्थदंड (जुर्माना) लगाया है. यह जुर्माना ग्वालियर स्थित बंधन वाटिका के पास कथित रूप से सरकारी जमीन हड़पने के मामले में चेतावनी देने के बाद भी कोर्ट में उनके द्वारा जवाब दाखिल नहीं करने की वजह से लगाया गया है.


इस सरकारी जमीन को सिंधिया परिवार से जुड़े ट्रस्ट ने एक बिल्डर को बेच दिया था और बाद में बिल्डर ने जलभराव की इस जगह पर सात मंजिला भवन बना दिया था. जस्टिस न्यायमूर्ति संजय यादव और जस्टिस विवेक अग्रवाल की युगलपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए बुधवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया और अन्य पर 10,000 रुपये का जुर्माना सरकारी जमीन हड़पने के मामले में चेतावनी देने के बाद भी कोर्ट में अपना जवाब पेश नहीं करने के लिए लगाया है. इसके अलावा, कोर्ट ने 15 दिन में इन सभी को जबाव दाखिल करने का आदेश भी दिया है.


यह जनहित याचिका उपेन्द्र चतुर्वेदी द्वारा वकील सी पी सिंह के माध्यम से प्रस्तुत की गई थी. सिंह ने बताया कि कोर्ट ने मुआवजे की राशि हाई कोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा कराने का निर्देश दिया है.


याचिकाकर्ता उपेन्द्र चतुर्वेदी ने जनहित याचिका में कहा है कि ग्वालियर स्थित चेतकपुरी के सामने बंधन वाटिका के पास जल भराव की सर्वे क्रमांक 1211 और 1212 सरकारी दस्तावेजों में शासकीय जमीन दर्ज है. याचिका में कहा गया है कि कमलाराजा चेरिटेबल ट्रस्ट ने इस जमीन को नारायण बिल्डर को कथित रूप से बेच दिया और अब इस सात मंजिला भवन का निर्माण हो गया है.


याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि शहर में सरकारी जमीन को बेचकर उन पर भवन बनाए जा रहे हैं. कोर्ट से प्राधिकारियों को इस सरकारी जमीन को मुक्त कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. याचिकाकर्ता ने इस मामले में सचिव नगरीय प्रशासन विभाग, कलेक्टर ग्वालियर, आयुक्त नगर निगम, संयुक्त संचालक टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग, रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट, कमलाराजे चेरिटेबल ट्रस्ट, नारायण बिल्डर्स एवं डेवलपर्स संचालक राजीव गुप्ता, ज्योतिरादित्य सिंधिया ट्रस्ट, माधवी राजे सिंधिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा चित्रांगना राजे को पक्षकार बनाया है.