नई दिल्ली: बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी है. अब तक केवल मुजफ्फरपुर में 108 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है. इन मौतों के बाद से बिहार और केंद्र सरकार सवालों के घेरे में है और वह सवालों से बचती दिखाई दे रही है. आज ही जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन संसद पहुंचे तो वे पत्रकारों से चौतरफा घिर गए.


पत्रकारों ने जब सवाल किए तो उन्होंने कहा कि मैं यहां प्रेस कांफ्रेंस नहीं कर रहा हूं. मैं वही कहना चाहता हूं, जो मैं कहना चाहता हूं. दरअसल, पत्रकार डॉ हर्षवर्धन से पांच साल पहले किए गए वायदों को लेकर सवाल पूछ रहे थे.


इसके जवाब में हर्षवर्धन ने कहा, ''सुपर स्पेशलिटी सेंटर वहां बनाए जा रहे है, मैंने खुद देखा है. मैंने राज्य सरकार को समर्थन देने का वादा किया है. सभी अच्छा करने की कोशिश कर रहे हैं. मैंने मुजफ्फरपुर में पत्रकारों से करीब एक घंटे तक बात की. मैं हर एक घंटे की स्थिति का जायजा ले रहा हूं.''


2014 में भी बिहार में चमकी बुखार कहर बनकर टूटा था. तब हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य मंत्री के नाते बिहार के मुजफ्फरपुर का दौरा किया था. 24 जून 2014 को उन्होंने फेसबुक पर लंबा पोस्ट लिखकर कई वायदे किये थे.


हर्षवर्धन ने कहा था कि एसके मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 100 बेड का आईसीयू बनाया जाएगा और जिले के सभी प्राथमिक केंद्रों में 10 बेड वाला आईसीयू बनाया जाएगा. एसके मेडिकल कॉलेज को सुपर स्पेसलिटी में तब्दील किया जाएगा. अब पांच साल बाद एक बार फिर बच्चों की मौत के बाद पत्रकारों ने उन्हें 2014 में किए गए वायदों की याद दिलाई. इन्हीं सवालों से वे बचते दिखाई दिए.



बिहार के मुजफ्फरपुर में दो अस्पतालों में 108 बच्चों की मौत हुई है. केवल एसके मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 89 बच्चों की मौत हुई है. आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अस्पताल का दौरा किया. जहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा. चमकी बुखार को एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम और जापानी इंसेफलाइटिस के नाम से भी जाना जाता है.