लखनऊ. उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने अपनी जमानत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में अर्जी दाखिल की है. उनकी अर्जी पर आज न्यायमूर्ति ए आर मसूदी की बेंच में सुनवाई होनी है. लल्लू बस विवाद मामले में जेल में हैं. आपको बता दें कि उन्हें 20 मई को आगरा में अवैध रूप से धरना प्रदर्शन करने के आरेाप में गिरफ्तार किया गया था लेकिन उन्हें उसी दिन जमानत मिल गई. हालांकि उसके तुरंत बाद लखनऊ पुलिस ने उन्हें दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया.


अजय कुमार लल्लू पर आरोप है कि प्रवासी मजदूरों को भेजने के लिये मंगाई गई बसों के कागजों में फर्जीवाड़ा किया गया. विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने लल्लू की जमानत अर्जी एक जून को खारिज कर दी थी. जिस पर उन्होंने अब हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी है. जमानत अर्जी में उनकी ओर से दलील दी गयी है कि लल्लू की मामले में कोई अहम भूमिका नहीं है और सरकार ने उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया है. गौरतलब है कि एक जून को विशेष एमपी-एमएलए अदालत में विशेष न्यायाधीश पी. के. राय ने कहा था कि मामला गंभीर प्रकृति का है. केस की विवेचना अभी चल रही है, ऐसे में इस स्तर पर जमानत देने का कोई औचित्य नहीं है. अदालत ने यह आदेश जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी मनोज त्रिपाठी की ओर से पेश तर्कों को स्वीकार करते हुए पारित किया था. त्रिपाठी का तर्क था कि लल्लू के खिलाफ अब तक की विवेचना में पर्याप्त साक्ष्य पाए गए हैं.


ये था पूरा विवाद
उत्तर प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों को बस उपलब्ध कराने को लेकर विवाद काफी गहरा गया था, जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार से एक हजार बस कामगारों के लिये देने की बात कही थी. इस पर प्रदेश सरकार ने बसों की सूची की जांच की थी और इसमें बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था. जो नंबर कांग्रेस ने उपलब्ध करवाये थे उनमें कई ऑटो व एंबुलेंस के थे. विवाद यहीं से शुरू हुआ. सरकार ने कांग्रेस पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया था और दूसरी ओर कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा था कि राज्य सरकार बसों को यूपी में प्रवेश नहीं करने दे रही है. इस पर कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन भी किया था.


ये भी पढ़ें.


प्रियंका गांधी ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- यूपी में कोरी साबित हुईं युवाओं के लिए की गई घोषणाएं