आरुषि-हेमराज मर्डर केस: हाईकोर्ट में फिर शुरू हुई सुनवाई, CBI से मांगी नई जानकारियां
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सीबीआई से पूछा है कि आरुषि और हेमराज के मर्डर के वक्त घर में लगे इंटरनेट कनेक्शन के राउटर की क्या स्थिति थी. इसके अलावा सीबीआई की जांच रिपोर्ट में कुछेक बिंदुओं पर विरोधाभास है.
इलाहाबाद: नोएडा के चर्चित आरुषि-हेमराज मर्डर केस में छह महीने पहले जजमेंट रिजर्व होने के बावजूद इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज से फिर से सुनवाई शुरू हो गई है. उम्र कैद की सजा के खिलाफ तलवार दंपत्ति की अपील पर हाईकोर्ट ने सीबीआई से कई बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है.
कोर्ट ने सीबीआई से किया ये सवाल
कोर्ट ने सीबीआई से पूछा है कि आरुषि और हेमराज के मर्डर के वक्त घर में लगे इंटरनेट कनेक्शन के राउटर की क्या स्थिति थी. इसके अलावा सीबीआई की जांच रिपोर्ट में कुछेक बिंदुओं पर विरोधाभास है. कोर्ट ने सीबीआई से इन सभी बिंदुओं पर अपना रुख साफ़ करने को कहा है. सीबीआई ने इन बिंदुओं पर विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए कुछ दिनों की मोहलत दिए जाने की मांग की, जिसे हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने मंजूर कर लिया और सीबीआई को चार हफ्ते की मोहलत दी है. कोर्ट इस मामले में अब 31 अगस्त को फिर से सुनवाई करेगी.
2013 में कोर्ट ने तलवार दंपत्ति को सुनाई थी सजा
गौरतलब है कि बेटी आरुषि और नौकर हेमराज के क़त्ल के मामले में गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने तलवार दंपत्ति को दोषी करार देते हुए नवंबर 2013 में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. तलवार दंपत्ति ने इस सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. तलवार दंपत्ति की इस अर्जी पर सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इसी साल 11 जनवरी को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था.हालांकि तलवार दंपत्ति को हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कहीं से भी जमानत नहीं मिली. आरुषि की माँ नूपुर तलवार को पिछले साल हाईकोर्ट से दो बार पैरोल जरूर मिला था. जजमेंट रिजर्व होने के बावजूद कोर्ट ने इस मामले में अब फिर से सुनवाई करने का फैसला किया है. मामले की सुनवाई कोर्ट नंबर चालीस में जस्टिस बीके नारायणन और जस्टिस अरविन्द कुमार मिश्र की डिवीजन बेंच कर रही है.