झारखंड में पान मसाला की बिक्री, उत्पादन और भंडारण पर एक साल की रोक
11 ब्रांड्स के पान मसाला में रजनीगंधा, विमल, शिखर, पान पराग, दिलरुबा, राजनिवास, सोहरत, मुसाफिर, मधु, बहार, पान पराग प्रीमियम शामिल हैं.
रांची: हेमंत सोरने की सरकार ने आज एक बड़ा फैसला करते हुए झारखंड में 11 कंपनियों के सभी तरह के पान मसाले की बिक्री, उसके उत्पादन और भंडारण पर अगले 1 साल तक के लिए पूरी तरह से रोक लगा दी है.
बताया जा रहा है कि सरकार ने कई जिलों से 41 तरह के पान मसालों का सैम्पल लिया था और जांच में पता चला कि इन सभी में मैग्नीशियम कार्बोनेट अधिक मात्रा में है. मैग्नीशियम कार्बोनेट न केवल हृदय के लिए बेहद ही हानिकारक है, बल्कि फ़ूड सेफ़्टी एक्ट 2006 के मानक के मुताबिक इसका पान मसाला में उपयोग करना भी वर्जित है.
ऐसा करने वाला झारखंड देश का तीसरा राज्य बन गया है. इससे पहले महाराष्ट्र और बिहार में भी पान मसाला की बिक्री, उत्पादन और भंडारण पर पूरी तरह से रोक है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में ये निर्देश दिया गया है.
11 ब्रांड्स के पान मसाला में रजनीगंधा, विमल, शिखर, पान पराग, दिलरुबा, राजनिवास, सोहरत, मुसाफिर, मधु, बहार, पान पराग प्रीमियम शामिल हैं.
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