लखनऊ: यूपी का चुनावी दंगल अब खत्म हो चुका है. सियासत के इस अखाड़े में बुधवार को सातवें और अंतिम चरण का मुकाबला पूरा होने के साथ ही आज दंगल के परिणाम भी सामने आ गए हैं. इसी के साथ बीजेपी का यूपी में 14 साल का वनवास खत्म हो गया है और पूरे उत्तर प्रदेश में कमल खिल गया है. वैसे तो यूपी में भारतीय जनता पार्टी की इस जीत में प्रदेश की जनता और वोटर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई लेकिन यूपी में बीजेपी की इस जीत के पीछे कुछ खास किरदार रहे जिन्होंने उत्तर प्रदेश में पार्टी की जीत की स्क्रिप्ट लिखी. आज हम आपको बता रहे हैं उन्हीं हीरो के बारे में जो यूपी के सियासी दंगल में साबित हुए बीजेपी की जीत के किरदार...



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: 14 साल बाद राजनीतिक वनवास खत्म कर उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी करने वाली भारतीय जनता पार्टी के जीत के हीरो रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. यूपी में बीजेपी के लिए धुआंधार प्रचार करके पीएम मोदी ने जहां कांग्रेस-एसपी और बीएसपी के पसीने छुड़ा दिए थे तो वहीं यूपी के इस सियासी दंगल को मोदी बनाम विरोधी बना दिया.



अमित शाह: बीजेपी की जीत के हीरो में दूसरा बड़ा नाम है बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाने वाले अमित शाह ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी की जीत की नींव रखने में अहम भूमिका निभाई. यूपी के सियासी दंगल में अमित शाह ने पर्दे के पीछे रहकर टिकट बंटवारे से लेकर बूथ लेवल तक चुनाव प्रचार करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया.



राजनाथ सिंह: पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पहले चरण से लेकर आखिरी चरण तक तकरीबन राज्य के हर भाग में जनसभाएं की और सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आतंकवाद के मुद्दे पर बात करते हुए वोटर्स को रिझाते हुए बीजेपी के पक्ष में वोट देने की अपील भी की.



योगी आदित्यनाथ: बीजेपी सांसद और कद्दावर हिंदू नेता योगी आदित्यानाथ ने ना केवल गोरखपुर बल्कि पूरे पूर्वांचल में दर्जनों जनसभाएं करके बीजेपी की जीत में आखिरी कील ठोकने का काम किया. इस दौरान आदित्यनाथ ने सवर्ण वोट बैंक के साथ-साथ दलित और अति पिछड़े वर्ग को भी बीजेपी से जोड़ने का काम किया.



केशव प्रसाद मौर्य: यूपी चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने केशव प्रसाद मौर्य भी बीजेपी की जीत के हीरो साबित हुए. केशव प्रसाद मौर्य को यूपी का दायित्व सौंपकर बीजेपी ने ना केवल मौर्य और कुशवाहा वोट बैंक को अपनी ओर आकर्षित किया बल्कि स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी में शामिल करके इन वोटर्स को अपने खेमे से जोड़ दिया.

सुनील बंसल और ओम माथुर: सुनील बंसल और ओम माथुर यूपी में बीजेपी की जीत के हीरो रहे दो ऐसे नाम है जो पर्दे के पीछे रहकर भारतीय जनता पार्टी की जीत की पटकथा लिखे. आपको बता दें कि इन दोनों ही नेताओं ने जीतने की क्षमता के आधार पर टिकट बांटने और बूथ लेवल से लेकर क्षेत्रवार और जिलेवार तक बीजेपी के पक्ष में समीकरण तैयार करने में अहम भूमिका निभाई.

हुकुम सिंह, संजीव बालियान और संगीत सोम: इसके साथ ही पहले और दूसरे चरण में यानी पश्चिमी यूपी में बीजेपी की अप्रत्याशित जीत के हीरो रहे हुकुम सिंह, संजीव बालियान और संगीत सोम. इन नेताओं ने ना केवल नाराज जाट वोटर्स को बीजेपी से टूटने नहीं दिया बल्कि पिछड़ी और दलित जाति के वोटर्स को अपने खेमे में शामिल करने का काम किया.

महेंद्र नाथ पांडेय: पूर्वी उत्तर प्रदेश और खास तौर पर अंतिम चरण के मतदान में केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने भी अहम भूमिका निभाई. महेंद्र नाथ ने ना केवल ब्राह्मण वोटर्स को बल्कि चंदौली और वाराणसी के आस-पास के क्षेत्रों के सवर्ण वोटर्स को बीजेपी के खेमे में शामिल करने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया.